छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव से निकलकर यूरोप के ट्रैक तक का सफर तय करने वाले अनिमेष कुजूर इन दिनों देशभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। पांच जुलाई को ग्रीस के वारी शहर में आयोजित ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट मीट में उन्होंने 100 मीटर दौड़ सिर्फ 10.18 सेकंड में पूरी कर भारत का नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। हालांकि रेस में अनिमेष तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन यह प्रदर्शन भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। इससे पहले यह रिकॉर्ड गुरइंदरबीर सिंह के नाम था। उनके आगे इस दौड़ में दक्षिण अफ्रीका के बेंजामिन रिचर्डसन (10.01 सेकंड) और ओमान के अली अल बलूशी (10.12 सेकंड) थे। अनिमेष जशपुर जिले के आदिवासी गांव घुइतांगर से ताल्लुक रखते हैं। उनके माता-पिता दोनों छत्तीसगढ़ पुलिस में डीएसपी पद पर कार्यरत हैं। माता-पिता का कहना है कि उन्हें बेटे पर गर्व है, और यह सिर्फ शुरुआत है। सैनिक स्कूल अंबिकापुर से बारहवीं तक की पढ़ाई करने वाले अनिमेष ने कभी नहीं सोचा था कि दौड़ उनका करियर बन जाएगी। उनका सपना था सेना में भर्ती होने का। 2020 में 12वीं पास करने के बाद वे फौज की तैयारी में जुटे थे, लेकिन उसी दौरान फुटबॉल खेलते-खेलते उन्हें रेसिंग का रास्ता मिल गया।
कोरोना महामारी के दौरान दोस्तों के कहने पर उन्होंने एक ओपन टूर्नामेंट में 100 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया और वहीं से करियर की दिशा बदल गई। अनिमेष ने बताया कि उन्होंने वहां से अगले टूर्नामेंट में भाग लिया, फिर वहां से और अगले… इस तरह साल भर में ही मे ही उनकी ज़िंदगी में रेस ने जगह बना ली और उन्हें दौड़ने में मज़ा आने लगा था।
अनिमेष फिलहाल यूरोप दौरे पर हैं और 11 जुलाई को मोनाको में होने वाली डायमंड लीग में हिस्सा लेंगे। कोच मार्टिन का मानना है कि यह प्लेटफॉर्म अनिमेष जैसे युवा खिलाड़ियों को विश्व स्तर के एथलीट्स के साथ दौड़ने का बेहतरीन मौका देगा। अनिमेष का कहना है कि मुझे इस बार यूरोप में दौड़ने और ट्रेनिंग लेने के बाद यह समझ में आया कि अभी बहुत कुछ सीखना है। मैं अपनी पूरी जान लगाकर दौड़ूंगा।