धर्मगढ़ के उपजिलाधिकारी और आईएएस अधिकारी धीमान चकमा की जमानत याचिका भवानीपटना जिला विजिलेंस कोर्ट ने खारिज कर दी है। चकमा को 8 जून को विजिलेंस विभाग ने एक व्यापारी से उसके सरकारी आवास पर 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
इसके बाद उनके सरकारी आवास की तलाशी में 47,47,600 रुपये जब्त किए गए, जिससे कुल जब्त राशि 57,46,600 रुपये हो गई। वह 9 जून से भवानीपटना जिला जेल में न्यायिक हिरासत में है।
जमानत याचिका खारिज होने के बाद चकमा के वकील द्वारा जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाए जाने की उम्मीद है। आईएएस अधिकारी के खिलाफ विजिलेंस विभाग की कार्रवाई ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया है।
अधिकारी ने कथित तौर पर कुल 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी और व्यवसायी से रविवार शाम को पहली किस्त के रूप में 10 लाख रुपये देने को कहा था। इसके बाद क्रशर यूनिट के मालिक ने भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी से संपर्क किया और चकमा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। सतर्कता दल ने जाल बिछाया और चकमा को धरमगढ़ स्थित उसके सरकारी आवास पर रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने 200 और 500 रुपये जैसे अलग-अलग मूल्यवर्ग के नोटों के 26 बंडल भी बरामद किए। ये नोट उसकी मेज की दराज में रखे हुए थे।