शिक्षा 'ओ' अनुसंधान (एसओए) की उपाध्यक्ष सुश्री शाश्वती दास ने शुक्रवार को कहा कि पशु चिकित्सकों को जानवरों और पक्षियों के साथ दया का व्यवहार करना चाहिए क्योंकि ये जीव प्रेम की भाषा समझते हैं, हालांकि वे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
सुश्री दास ने पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन संस्थान (आईवीएसएच) के वार्षिक समारोह 'वेट्रिक्स-2024' में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि इन प्राणियों के इलाज के दौरान करुणा दिखाने की जरूरत है, जिससे इलाज की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
इस अवसर पर सम्मानित अतिथि रहे सोआ के कुलपति प्रो. प्रदीप्त कुमार नंद ने कहा कि सोआ ने मनुष्यों के इलाज के लिए राज्य में तीन मेडिकल कॉलेज अस्पताल और एक कॉर्पोरेट अस्पताल स्थापित किया है, लेकिन इसने लाभ के लिए एक और पशु-पक्षियों का अस्पताल जोड़ा है।
आईवीएसएच के डीन प्रोफेसर ब्रह्मदेव पटनायक और डीन (छात्र कल्याण) प्रोफेसर ज्योति रंजन दास ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
प्रोफेसर पटनायक ने कहा कि जानवरों और पक्षियों का स्वास्थ्य पृथ्वी ग्रह की खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा के मुद्दे से जुड़ा हुआ है। मनुष्यों को प्रभावित करने वाली लगभग 70 प्रतिशत बीमारियां जानवरों से उत्पन्न हुईं।
संस्थान के एसोसिएट डीन प्रोफेसर सुशांत कुमार दास ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जबकि प्रोफेसर प्रीतिशा श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेसर ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। सुश्री दास ने पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्रों के बीच पुरस्कार भी वितरित किये।