कांग्रेस के चिंतन शिविर के अंतिम दिन मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने संबोधित किया। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि झारखंड का अपना इतिहास है, झारखंड की अपनी संस्कृति है। झारखंड की अपनी विरासत है। इसलिए झारखंड में नागपुर की विचारधारा नहीं चलेगी। राहुल गांधी ने कहा कि भारत एक यूनियन ऑफ स्टेट है और इसी के तहत भारतीय संविधान की संरचना हुई है। मगर भाजपा इसी संरचना पर हमला कर रही है जिसका नतीजा सबके सामने है। अगर यूनियन ऑफ स्टेट की विचारधारा कमजोर होगी तो बाहरी शक्तियां भारत पर अपना वर्चस्व कायम करेंगे। चाइना ने अपना काम करना शुरू कर दिया है। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश इसका उदाहरण है। राहुल गांधी ने कहा कि झारखंड का अपना इतिहास है झारखंड की अपनी परंपरा है झारखंड में विभिन्न धर्म जाति और संस्कृति के लोग निवास करते हैं इसलिए झारखंड में आरएसएस और भाजपा यानी कि नागपुर विचारधारा को थोपा नहीं जा सकता है।
राहुल गांधी ने कहा कि झारखंड के डीएनए में कांग्रेस है। कोई यह न समझे कि झारखंड में कांग्रेस कमजोर है बस जरूरत है तो संगठन को मजबूत करने के लिए इसके लिए सभी को जमीन पर उतर कर काम करना होगा, प्रोग्राम तय करना होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड के लोग जब भी चाहे मुझसे मिल सकते हैं संगठन के लोग जब भी चाहे मुझे झारखंड बुला सकते हैं मैं झारखंड में समय देने को तैयार हूं।
राहुल गांधी ने कहा कि झारखंड प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड प्रभारी सह प्रभारी का यह नैतिक दायित्व बनता है कि वह झारखंड में संगठन को मजबूत करने का काम करें और झारखंड में जो अपनी सरकार है उसके साथ तालमेल करके काम करें और कांग्रेस ने जो चुनावी वादे किए हैं उसे पूरा करने का काम करें।
राहुल गांधी ने झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को हिदायत देते हुए कहा कि वह यह नहीं समझे कि वह मंत्री बन गए तो काम खत्म हो गया। आपको कार्यकर्ताओं ने मंत्री बनाया है तो कार्यकर्ता आप को हटा भी सकते हैं। संगठन और जनता का काम सरकार में रहकर करना है इसका ख्याल झारखंड के मंत्रीगण रखें।