बाल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खांसी सिरप के नियमित उपयोग के प्रति आगाह किया गया है।
एडवाइजरी में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि छोटे बच्चों में अधिकांश खांसी की बीमारियां स्व-सीमित होती हैं और आमतौर पर दवा के बिना ठीक हो जाती हैं। इसमें विशेष रूप से कहा गया है कि खांसी और सर्दी के सिरप दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिए जाने चाहिए और पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इसकी सिफारिश नहीं की जाती है। बड़े बच्चों से जुड़े मामलों में भी, डॉक्टरों को सावधानी बरतने, बच्चे की स्थिति का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने और खुराक की बारीकी से निगरानी करने की सलाह दी गई है।
दवा पर निर्भर रहने के बजाय, मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और अभिभावकों से उपचार की पहली पंक्ति के रूप में पर्याप्त जलयोजन, आराम और अन्य सहायक देखभाल जैसे गैर-फार्माकोलॉजिकल उपायों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है।
सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं में सभी बाल चिकित्सा देखभाल प्रदाताओं को इन सुरक्षा मानकों को बनाए रखने की सलाह दी गई है। मंत्रालय ने माता-पिता और देखभाल करने वालों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों की भलाई के लिए डॉक्टरों की सलाह का सख्ती से पालन करें।