राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि यह एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसमें विदेश में रहने वाले हर भारतीय की सक्रिय और उत्साही भागीदारी की आवश्यकता है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रवासी भारतीयों की भी सराहना की।
राष्ट्रपति के अनुसार, प्रवासी भारतीय हमारे देश का सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधित्व करते हैं और ज्ञान व कौशल के साथ-साथ मूल्यों और लोकाचार को भी साथ लेकर आए हैं। मूल्य और लोकाचार हमारी सभ्यता की नींव बने हुए हैं। चाहे वह चिकित्सा हो, कला हो या उद्यमिता, प्रवासी भारतीयों ने अपनी छाप छोड़ी है और आज हमने इस कार्यक्रम में उन लोगों को सम्मानित किया है जिन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया है।
प्रवासी भारतीयों की सफलता की कहानियां भारत के लिए गर्व की बात नहीं हैं, बल्कि वे दुनिया भर में लाखों लोगों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करती हैं। प्रवासी भारतीय दिवस एक ऐसा मंच है जहां विचारों का संगम होता है, सहयोग स्थापित होते हैं और भारत व प्रवासी भारतीयों के बीच संबंध मजबूत होते हैं।
राष्ट्रपति के अनुसार, हालांकि प्रवासी भारतीयों का भारत के साथ संबंध मजबूत बना हुआ है। हमारा देश 2047 तक विकसित भारत की ओर अग्रसर है, जब हम स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएंगे। यह विज़न सिर्फ़ एक सरकारी पहल नहीं है, यह एक राष्ट्रीय मिशन है जिसमें विदेश में रहने वाले हर भारतीय की सक्रिय और उत्साही भागीदारी की आवश्यकता है।
राष्ट्र निर्माण में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, भारत सरकार ने आपकी सहायता के लिए कई पहल की हैं। अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए कांसुलर सेवाओं को सरल बनाया गया है। ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) के लिए प्रक्रियाओं को डिजिटल और सुव्यवस्थित किया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि “भारत को जानो कार्यक्रम” जैसी पहल हमारे प्रवासी समुदाय के युवा सदस्यों को अपनी भारतीय जड़ों को फिर से खोजने के अवसर प्रदान करती है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि ओडिशा सरकार परियोजनाओं, निवेशों आदि के लिए प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ने के लिए एक नोडल मंत्री नियुक्त कर रही है। मैं ओडिशा सरकार द्वारा उठाए गए कदम की सराहना करती हूं।
इस अवसर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारतीय प्रवासियों ने अपनी अपार प्रतिभा, रचनात्मकता, समर्पण, प्रतिबद्धता और दृढ़ता के आधार पर विविध क्षेत्रों में भारत और दुनिया दोनों के लिए उत्कृष्ट योगदान दिया है। राजनीतिक पदों और अग्रणी संगठनों से लेकर विभिन्न क्षेत्रों और जीवन के क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने तक, उन्होंने वैश्विक समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उनकी असाधारण उपलब्धियों ने भारत और भारतीयों को गौरवान्वित किया है तथा अन्य लोगों और देशों के साथ हमारे संबंधों को मजबूत किया है। जब दुनिया भारत के बारे में सोचती है, तो उसकी विशेष छवि या संबंध ही हमारे सामूहिक ब्रांड को आकार देते हैं।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार, भारतीय प्रवासियों के चुनिंदा सदस्यों को प्रदान किया जाना उनकी उपलब्धियों की मान्यता है। साथ ही, यह इस बात का भी प्रमाण है कि भारत अपने प्रवासियों को कितना महत्व देता है।