भुवनेश्वर की मेयर और वरिष्ठ बीजद नेता सुलोचना दास के खिलाफ रविवार को आंचलिक सुरक्षा मंच (स्थानीय संगठन) ने एफआईआर दर्ज कराई है। संगठन ने मेयर पर आरोप लगाया कि उन्होंने अवैध अप्रवासियों का समर्थन करने वाली टिप्पणियां की हैं। उनका दावा है कि यह रुख शहर की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करने के साथ आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकता है।
संगठन के अनुसार, इन टिप्पणियों ने अवैध अप्रवासियों को बढ़ावा दिया है, जिससे संभावित रूप से आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है। संगठन के अध्यक्ष जगन्नाथ प्रधान ने मेयर की गिरफ्तारी की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने शहर के कैपिटल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। हालाकि मेयर सुलोचना दास ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया दी है।
जगन्नाथ प्रधान ने मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्होंने (मेयर ने) बांग्लादेशी प्रवासियों को 'भाई' और 'परिवार' कहकर प्रोत्साहित किया है, जो एक गंभीर अपराध है। यही कारण है कि वे आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने से नहीं हिचकिचाते। उन्होंने कई मौकों पर ऐसी चीजों का प्रचार करना शुरू कर दिया है।
यहां तक कि वह हिंदू भाइयों और बहनों के साथ-साथ हमारे कार्यकर्ताओं को भी धमका रही हैं। हमें इस बारे में सुनने को मिल रहा है। इसलिए, हम कानून प्रवर्तन अधिकारियों से अपील करते हैं कि वे देश के हितों के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिए मेयर के खिलाफ उचित कार्रवाई करें।
गौरतलब है कि राजधानी शहर में बांग्लादेशी निवासियों से संबंधित मेयर दास द्वारा की गई हालिया टिप्पणियों पर एक गरमागरम बहस छिड़ गई है। इस विवाद के कारण गुरुवार को नीलाद्री विहार में वार्ड 14 के कार्यालय में विरोध प्रदर्शन हुआ, जहां स्थानीय नागरिकों ने उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों का विरोध करते हुए काले झंडे लहराए।
सुलोचना दास को शुक्रवार को फिर से विरोध का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने नयापल्ली इलाके में वार्ड नंबर-39 एक नये कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंची थी। उन्हें कई स्थानीय लोगों ने काले झंडे दिखाए।
प्रदर्शनकारी स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया कि “जब कई पात्र निवासियों को अभी तक मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड नहीं दिए गए हैं, तो पिछली बीजद के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान बांग्लादेशी नागरिकों को कार्ड कैसे दिए गए?