ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। ऐसे में वे अब 31 दिसंबर तक निर्धारित मूल समय सीमा से आगे भी पद पर बने रहेंगे। 30 जून को प्रदीप जेना का कार्यकाल समाप्त होने के बाद आहूजा ने पहली बार यह पद संभाला था। छह महीने के अंतराल में आहूजा ने विभिन्न सरकारी रणनीतियों और नीतियों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उनका प्रयास विशेष रूप से भाजपा के अभियान वादों को जीवन में लाने पर केंद्रित रहा है। उनके नेतृत्व में, राज्य ने अपना पहला नौसेना दिवस और एक महानिदेशालय (डीजी) सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया है। आगे देखते हुए, राज्य में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित करने की योजना है। आहूजा को राज्य में भाजपा सरकार की आगामी योजना और योजनाओं के कार्यान्वयन में भी बड़ी भूमिका निभानी होगी।
ओडिशा कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी आहूजा ने 30 जून को निवर्तमान मुख्य सचिव प्रदीप जेना से कार्यभार संभाला। कार्यभार संभालने के बाद आहूजा के सामने कई बड़ी चुनौतियां थीं, जैसे- पिछली सरकार की नौकरशाही की खामियों को दूर करना, ओडिया और गैर-ओडिया अधिकारियों के बीच कड़वाहट को खत्म करना और नवगठित भाजपा सरकार द्वारा अपने चुनावी घोषणापत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करना। उनके सामने ओडिशा प्रशासन की छवि को सुधारकर उसे नई पहचान देने और ओडिया और गैर-ओडिया अधिकारियों के बीच संतुलन बनाने का कठिन काम था। अपने विशाल अनुभव के अलावा, वे कृषि मंत्रालय में सचिव के रूप में कुशलतापूर्वक काम करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजरों में भी हैं।
राजनीतिक विश्लेषक प्रसन्न मोहंती ने कहा कि आहूजा के पास व्यापक प्रशासनिक अनुभव है और मौजूदा सरकार के साथ उनके अच्छे तालमेल हैं। सरकार के लिए यह महत्वपूर्ण समय है और उन्हें नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए, सरकार विभिन्न योजनाएं बनाने और योजनाओं को उचित तरीके से लागू करने के लिए आहूजा पर भरोसा कर रही है।