विधानसभा चुनाव के पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर से यात्रा पर निकलने वाले हैं। नीतीश कुमार की इस यात्रा का नाम रखा गया है जल-जीवन- हरियाली यात्रा। तीन दिसंबर से निकाली जा रही इस यात्रा का मक़सद है लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करना साथ ही बिहार में नदी, तालाब, कुंओं से लेकर जल संचय का संग्रहण करने के साथ साथ वन पर्यावरण को बढ़ावा देना। 24000 करोड़ की बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बिहार के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं लेकिन नीतीश कुमार की इस यात्रा पर विरोधी तंज कस रहे हैं। दरअसल नीतीश कुमार और यात्रा का पुराना नाता है। पहली बार जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो जनता से सीधे जुड़ाव के लिए यात्रा कर जनता के बीच लोगों के मूड को भांपने के लिए किसी ना किसी यात्रा पर निकल जाते थे। यात्रा के बहाने सरकारी कार्य की ज़मीनी हक़ीक़त भी देख लेते थे साथ ही जनता का मूड भांप नई रणनीति भी बना लेते थे। विधान सभा चुनाव के पहले नीतीश कुमार सामाजिक सरोकार के मुद्दे जल-जीवन-हरियाली यात्रा के बहाने जनता को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने और जनता के मूड को भांपने की कोशिश भी करेंगे। जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजना है जिसमें लगभग 24 हज़ार करोड़ की राशि बिहार सरकार ख़र्च करने वाली है। सरकार को उम्मीद है की इस योजना के सफल होने से बिहार के पर्यावरण में भी बड़ा बदलाव होगा। जदयू सांसद संतोष कुशवाहा कहते हैं कि बिहार में बिगड़ते पर्यावरण और नदी नाले के साथ-साथ आहर और पईंन पर अवैध क़ब्ज़े से बड़ी समस्या हो रही है। नीतीश कुमार पर्यावरण को लेकर बेहद गम्भीर हैं और इसी को देखते हुए लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा जागरुक किया जा सके इसके लिए जल-जीवन-हरियाली यात्रा पर निकल रहे हैं। नीतीश कुमार 3 दिसंबर से जिस यात्रा पर निकलने वाले हैं उसकी तैयारी ज़ोर शोर से चल रही है। इस यात्रा को चुनावी साल के पहले महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस यात्रा के बहाने नीतीश जनता का मूड भी भांपना चाहेंगे।