कोयल नदी में अचानक आई बाढ़ में फंसे दो मछुआरों को देर रात एनडीआरएफ की टीम ने सकुशल रेस्क्यू कर लिया है। मेडिकल जांच के बाद मछुवारों को घर भेज दिया गया है। दरअसल गुरुवार दोपहर कोटांगेर गांव निवासी बिरसा लोहरा और बुधवा आइंद, कोयल नदी में मछली पकड़ने गए थे। इन लोगों के द्वारा नदी में मछली पकड़ने के लिए नदी में जाल लगाया था जिसे निकालने के दौरान ही अचानक नदी में पानी का जलस्तर बढ़ गया और दोनो नदी के बीच के चट्टान में फंस गए थे। जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को बिरसा लोहरा और बुधवा आइंद जब नदी में फंसे उस समय किसी ने नही देखा था। नदी के किनारे सटे गांव के कुछ बच्चों ने देखा कि नदी में पानी 15 फिट ऊपर बह रहा है और बीच मे दो युवक बचाओ बचाओ चिल्ला रहे हैं, बच्चों ने घटना की जानकारी गांव में जाकर दी। इसके बाद खबर आग की तरह फैल गई।स्थानीय ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस और प्रशासन को सूचित किया। रनिया थाना प्रभारी विकास कुमार जायसवाल और बीडीओ प्रशांत डांग मौके पर पहुंचे और स्थिति की जानकारी जिले के उच्चाधिकारियों को दी। घटना की सूचना पाकर स्थानीय विधायक सुदीप गुड़िया भी घटनास्थल पर पहुंचे और परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।विधायक की पहल पर एनडीआरएफ की टीम गुरुवार शाम पहुंची और राहत कार्य में जुट गई। नदी में जलस्तर ज्यादा और रात होने के कारण एनडीआरएफ की टीम को खासा परेशानी हुई लेकिन बाद में बीडीओ प्रशांत डांग ने रात साढ़े 11 बजे एक जेनरेटर की मदद से जंगलों के बीच लाइट की व्यवस्था कराने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ।
इस दौरान एनडीआरएफ की टीम जब रेस्क्यू अभियान चला रहा थी कि अचानक उनका रस्सी नदी के चट्टान में फंस कर टूट गई, जिसके चलते एनडीआरएफ के कुछ जवान घबरा गए लेकिन टीम ने सूझबूझ के साथ 15 पानी के तेज बहाव के बीच दोनों मछुवारों का रेस्क्यू किया। अभियान के समय तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया, बीडीओ प्रशांत डांग, थाना प्रभारी विकास कुमार जायसवाल सहित काफी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।