पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित भर्ती घोटाले के मामले में गिरफ्तार ‘कालीघाट के काकू’ सुजयकृष्ण भद्र को भी मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। उनकी खराब सेहत को देखते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया, जिससे उनकी जल्द जेल से रिहाई संभव हो सकती है। हालांकि, उन्हें कई शर्तों के साथ यह राहत दी गई है।हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और अपूर्व सिन्हा राय की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सुजयकृष्ण भद्र की शारीरिक स्थिति गंभीर है, इसलिए उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत दी जा रही है। अदालत के आदेश के मुताबिक, वह सिर्फ घर और अस्पताल जा सकेंगे, लेकिन अन्य किसी भी स्थान पर जाने की अनुमति नहीं होगी। उनके घर पर हमेशा केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती रहेगी, और वह जिन दो मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनकी जानकारी सीबीआई को देनी होगी। इस दौरान यदि उन्हें ऑपरेशन करवाने की जरूरत होती है, तो उसकी अनुमति भी दी गई है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें सीबीआई की जांच में पूरा सहयोग करना होगा। उनकी यह जमानत फिलहाल मार्च के अंतिम सप्ताह तक के लिए है।
सुजयकृष्ण भद्र को पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में जमानत मिल चुकी थी, लेकिन सीबीआई ने ‘शोन अरेस्ट’ की प्रक्रिया अपनाते हुए उनके खिलाफ नया मामला दर्ज कर लिया था, जिससे उनकी रिहाई नहीं हो सकी थी। इस बीच उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था।
नियुक्ति घोटाले की जांच कर रही एजेंसियों ने तमाम कानूनी प्रक्रियाओं के बाद सुजयकृष्ण भद्र की आवाज के नमूने भी जुटाए हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। इसी दौरान उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने सीबीआई से उनकी मेडिकल रिपोर्ट मांगी, और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अदालत ने शर्तों के साथ जमानत को मंजूरी दी। अब कानूनी औपचारिकताएं पूरी होते ही उनकी रिहाई संभव हो सकती है।