जिन मामले में पुलिसकर्मियों द्वारा गवाही नहीं दिये जाने के वजह से अभियुक्त को सजा नहीं हुई, वैसे मामले की अब समीक्षा होगी। यह बात समीक्षा बैठक के दौरान एडीजी अभियान ने कही। पुलिस मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से लैंगिक अपराध और पॉक्सो एक्ट से संबंधित लंबित कांडों, सीपीएमएस एप्लीकेशन द्वारा साक्षियों को कोर्ट उपस्थित होने को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में जोनल आईजी, सभी रेंज और रेल डीआईजी के अलावा जिले के एसपी शामिल हुए थे। इस दौरान एडीजी ने महिलाओं के विरूद्ध होने वाले लैंगिक और पोक्सो एक्ट के अंतर्गत दर्ज काण्डों के निर्धारित समय सीमा के अंदर निष्पादन के लिए से चर्चा की। जिन जिलों के निष्पादन स्तर में कमी पाया गया, उन जिलों के एसपी को कांड के निष्पादन के लिए कई बिन्दुओं पर निर्देश देते हुए कांड का निष्पादन त्वरित गति से करने और जिलों में प्रतिवेदित संवेदनशील कांडो की मॉनिटरींग करने के साथ जोनल आईजी और रेंज के डीआईजी को भी अपने स्तर से अनुश्रवण करने का निर्देश दिया गया।
एडीजी ने कहा कि विशेषकर पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों की गवाही कोर्ट में समय से सुनिश्चित कराने और वैसे पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों जो कोर्ट में अपनी गवाही के लिए किसी विशेष कारणवश उपस्थित नहीं हो पाते हैं, उनकी गवाही वीसी के माध्यम से कराना सुनिश्चित करेंगे। गवाही नहीं देने वाले पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए पुलिस मुख्यालय को अवगत करायेंगे। पुलिसकर्मियों के अतिरिक्त सरकारी गवाह यदि गवाही के लिए न्यायालय में समय से नहीं उपस्थित होते हैं, तो संबंधित विभाग के वरीय पदाधिकारी को सूचित करेंगे और आवश्यकतानुसार वीसी के माध्यम से भी उनकी गवाही सुनिश्चित कराएंगे।