कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने गुरुवार से शुरू हो रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि यह कृषि क्षेत्र में प्रधानमंत्री के “लैब टू लैण्ड” मंत्र को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह एक देश-एक कृषि-एक टीम की अवधारणा को मजबूती देगा। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के इस अभियान की छत्तीसगढ़ में शुरुआत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आरंग विधानसभा के भैंसा गांव में करेंगे। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि कृषि कार्यों हेतु प्रत्येक राज्य की अपनी खरीफ-पूर्व तैयारियां होती है। इनसे बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए राज्य की तैयारियों एवं इस अभियान को एकीकृत किया जा रहा है। इस अभियान के मुख्य उद्देश्यों में “क्षेत्र विशेष में प्रमुख खरीफ फसलों की आधुनिक कृषि पद्धतियों के बारे में किसानों को जागरूक करना”, “किसानों के लिए लाभकारी विभिन्न शासकीय योजनाओं और नीतियों के बारे में जानकारी प्रसारित करना”, “मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग को प्रचारित करना ताकि सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए किसानों द्वारा उचित निर्णय लिया जा सके”। “रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण और उचित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना” तथा “जमीनी स्तर पर नवाचारों के बारे में किसानों से फीडबैक एकत्र कर उसके अनुसार अनुसंधान की प्राथमिकताओं का निर्धारण करना” सम्मिलित हैं।
इस अभियान का कियान्वयन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा राज्य शासन के कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। यह अभियान छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त 33 जिलों में चलाया जाएगा, जिसमें कुल 100 दलों द्वारा 2,600 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक जिले में 3 दलों का गठन होगा, तथा प्रत्येक दल एक दिन में दो स्थानों पर कार्यकम आयेजित करेगा। प्रत्येक दल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों के 3-4 वैज्ञानिक तथा राज्य शासन के कृषि, उद्यानिकी, मछलीपालन एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी सम्मिलित रहेंगे, जो जनजातीय, आकांक्षी और भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता देंगे।