भारतीय रेलवे ने पश्चिमी ओडिशा में क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने और क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बरगढ़ रोड को नवापारा रोड से जोड़ने वाली 138.32 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन के निर्माण में पर्याप्त प्रगति की है। इस विशेष रेलवे परियोजना का उद्देश्य यात्री और माल ढुलाई सेवाओं दोनों के लिए एक नया, छोटा और अधिक कुशल मार्ग प्रदान कर ओडिशा में परिवहन परिदृश्य को बदलना है।
10 सितंबर, 2024 को रेलवे बोर्ड ने बरगढ़ रोड-नवापारा रोड लाइन को कुल 2,621.92 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी। परियोजना का वित्तीय विवरण इस प्रकार है: सिविल इंजीनियरिंग (2,107.30 करोड़ रुपये); इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (305.55 करोड़ रुपये) और सिग्नल और टेलीकॉम इंजीनियरिंग (209.07 करोड़ रुपये)।
ईस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीओआर) की आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ओडिशा सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसके सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए निःशुल्क भूमि और 300 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया है।
परियोजना का एक महत्वपूर्ण घटक 924.64 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण है, जिसकी अनुमानित लागत 364 करोड़ रुपये है। इस भूमि में 752.524 हेक्टेयर निजी भूमि, 123.233 हेक्टेयर सरकारी भूमि और 48.913 हेक्टेयर वन भूमि शामिल है।
प्रक्रिया में तेजी लाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप, बरगढ़ और नवापारा दोनों जिलों में भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
पहले ब्लॉक सेक्शन के लिए भूमि अधिग्रहण, जो बरगढ़ तहसील में बरगढ़ और संसारा के बीच फैला है और जिसमें पांच गांव शामिल हैं, तेजी से आगे बढ़ रहा है। 25 अक्टूबर 2024 को रेलवे ने पहले ब्लॉक सेक्शन के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया और जिला अधिकारियों ने 28 दिसंबर 2024 तक पांचों गांवों के लिए भूमि अनुसूची का सत्यापन पूरा कर लिया। रेलवे संशोधन अधिनियम के तहत 20 ए अधिसूचना जल्द ही प्रकाशित होने की उम्मीद है, जिससे इस प्रमुख खंड के लिए समय पर भूमि अधिग्रहण की सुविधा होगी।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
यात्रा दूरी में कमी: नया मार्ग संबलपुर-झारसुगुड़ा-रायपुर मार्ग की तुलना में 53 किमी और संबलपुर-टिटलागढ़-रायपुर मार्ग की तुलना में 87 किमी की यात्रा कम करेगा, जिससे यात्रियों और माल दोनों के लिए पारगमन समय में सुधार होगा।
बेहतर माल ढुलाई क्षमता: नई लाइन ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच माल ढुलाई क्षमता को बढ़ाएगी, जिससे माल की आवाजाही अधिक कुशलता से हो सकेगी। यह विशेष रूप से स्टील प्लांट, कोयला परिवहन और रायपुर जैसे प्रमुख स्थानों पर लौह अयस्क शिपिंग जैसे उद्योगों के लिए फायदेमंद है।
रणनीतिक औद्योगिक लाभ: यह मार्ग स्टील प्लांट से तैयार स्टील, अंगुल से कोयला और दैतारी व गंधमर्दन से लौह अयस्क के परिवहन में सहायता करेगा, जिससे रसद लागत कम होगी और व्यापार दक्षता में सुधार होगा।