सांसद छाया वर्मा ने सीएम से कहा-ओबीसी क्रीमीलेयर कौन, अधिकारियों को पता ही नहीं

  • Jan 14, 2020
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रायपुर, 14 जनवरी

 प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी में क्रीमीलेयर कौन है, यह अधिकारियों-कर्मचारियों को पता ही नहीं है। इस वजह से पात्र और योग्य उम्मीदवारों को भी इसके आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। राज्य सरकार इसका प्रचार-प्रसार करे। साथ ही इसकी जानकारी सरकारी महकमों की वेबसाइट पर डाले ताकि क्रीमीलेयर को इसका लाभ मिल सके। 

राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखी है। छाया ने पत्र में केंद्र सरकार के कई पत्रों का संदर्भ भी दिया है। इसमें सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के कार्मिक प्रशिक्षण विभाग के ओबीसी क्रीमीलेयर के संबंध में दी गाइड लाइंस का पालन छत्तीसगढ़ में कराने का भी आग्रह किया गया है। वर्मा ने कहा कि सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के कार्मिक प्रशिक्षण विभाग के अनुसार किसी ओबीसी उम्मीदवार के संपन्न वर्ग (क्रीमीलेयर) का निर्धारण करने के लिए आय या संपत्ति परीक्षण करते समय उम्मीदवार के माता-पिता के वेतन एवं कृषि भूमि से प्राप्त आय को वार्षिक आय में नहीं जोड़ने को कहा गया है। यानी वर्तमान में वेतन से आठ लाख रुपए से अधिक आय होने पर भी वह क्रीमीलेयर में नहीं आएगा। वह आरक्षण का पात्र भी होगा।

छाया ने कहा कि यह नियम केंद्र व राज्य शासन के कर्मचारियों के साथ ही सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों बैंकों, बीमा संगठनों, विश्वविद्यालयों आदि के कर्मचारियों पर पर भी लागू होता है, किंतु इस गाइड लाइन की उचित जानकारी नहीं होने की वजह से क्रीमीलेयर के संबंध में भ्रांति व गलतफहमी हो रही है। इस वजह से कार्यरत लाखों कर्मचारियों के पात्र व योग्य उम्मीदवारों का ओबीसी प्रमाण पत्र नहीं बनता है। वे आरक्षण के योग्य व पात्र होते हुए भी शासन द्वारा दिए जा रहे लाभों व अधिकारों से वंचित हैं। 

छाया ने सीएम से मांग की कि व्यापक प्रचार-प्रसार करके केंद्र सरकार के पत्रों, कार्यालयों एवं विज्ञापनों के जरिए सभी विभागों व संबंधितों को जानकारी दी जाए। इसके साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर इसे अपलोड किया जाए।

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