संगीत नाटक अकादमी की ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की राष्ट्रीय सूची’ में रथ यात्रा व बाली यात्रा

  • Mar 31, 2025
Khabar East:Rath-Yatra--Bali-Jatra-Feature-In-Sangeet-Natak-Akademis-National-Inventory-of-Intangible-Cultural-Heritage
भुवनेश्वर,31 मार्चः

ओडिशा की प्रतिष्ठित रथ यात्रा और बाली यात्रा को संगीत नाटक अकादमी द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की राष्ट्रीय सूचीमें शामिल किया गया है।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक डॉ. अरविंद पाढ़ी ने अपने एक्सहैंडल पर एक पोस्ट में यह जानकारी साझा की है।

संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की राष्ट्रीय सूची (आईसीएच) भारत की विविध सांस्कृतिक परंपराओं का जश्न मनाने और उनकी रक्षा करने की एक पहल है। इस सूची में विभिन्न राज्यों के महत्वपूर्ण विरासत तत्वों को शामिल किया गया है, जिससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान को बढ़ावा मिलता है।

 पुरी की रथ यात्रा, दुनिया के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक जुलूसों में से एक है, जो भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की 12वीं सदी के श्री जगन्नाथ मंदिर से 2.5 किलोमीटर दूर श्री गुंडिचा मंदिर तक की वार्षिक यात्रा का प्रतीक है। देवता एक भव्य जुलूस के साथ अपने मूल निवास पर लौटने से पहले एक सप्ताह तक गुंडिचा मंदिर में रहते हैं।

 इसी तरह कटक में मनाया जाने वाला ऐतिहासिक त्योहार बाली यात्रा ओडिशा की समृद्ध समुद्री विरासत और बाली और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्रों के साथ इसके प्राचीन व्यापारिक संबंधों का स्मरण कराता है। कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होकर सप्ताह भर चलने वाला यह उत्सव महानदी के तट पर लाखों आगंतुकों को आकर्षित करता है।

Author Image

Khabar East

  • Tags: