प्रौद्योगिकी में प्रगति ने दूरी को अप्रासंगिक बना दिया है, जिससे टेलीमेडिसिन के माध्यम से दुर्गम स्थानों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना संभव हो गया है। इस क्षेत्र के विशेषज्ञ और टेलीमेडिसिन सोसाइटी ऑफ इंडिया (टीएसआई) के अध्यक्ष डॉ. रामासामी किम ने शनिवार को यह बातें कही। यहां इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और सम अस्पताल में आयोजित टीएसआई के ओडिशा चैप्टर के 12वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में डॉ. किम ने कहा कि अब भूगोल और दूरी कोई मायने नहीं रखती क्योंकि टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल किसी मरीज तक कहीं भी पहुंचने के लिए किया जा सकता है।
डॉ. किम ने कहा कि इंजीनियरिंग और चिकित्सा को ऐसे समय में मानव जाति के लाभ के लिए मिलकर काम करना चाहिए जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने दुनिया की कल्पना पर कब्जा कर लिया है। एआई अब उपलब्ध है और हमें पता होना चाहिए कि इसका उपयोग कैसे करना है। यह डॉक्टरों को किसी भी गलती को खत्म करने में मदद कर सकता है।
टीएसआई के ओडिशा चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. रामनाथ मिश्रा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सोआ डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. प्रदीप्त कुमार नंद, टीएसआई के ओडिशा चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. शिवानंद मोहंती, टीएसआई के ओडिशा चैप्टर के तत्काल पूर्व अध्यक्ष डॉ. रबी नारायण साहू और टेलीमेडिसिन नेटवर्क योजना के लिए ओडिशा सरकार के मानद सलाहकार डॉ. बिस्वा नारायण मोहंती ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। ।
इस सम्मेलन का आयोजन आईएमएस और एसयूएम अस्पताल के सहयोग से टीएसआई के ओडिशा चैप्टर द्वारा किया गया था।
डॉ. किम ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा प्रदान की गई मदद से भारत में टेलीमेडिसिन परियोजना को बढ़ावा मिला है और टेलीमेडिसिन दृष्टि केंद्रों द्वारा प्रतिदिन लगभग 2500 रोगियों को सेवा प्रदान की जा रही है। कई सफल टेलीमेडिसिन नेटवर्क की उपलब्धता के साथ कोविड-19 महामारी के दौरान नए क्षेत्रों तक पहुंच बनाई गई।
उन्होंने ओडिशा टेलीमेडिसिन नेटवर्क को एक शानदार उदाहरण बताया कि कैसे प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सकता है और कहा कि इस प्रयास का भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने मेडिकल छात्रों को समाज की भलाई के लिए अपने स्मार्ट फोन का उपयोग करने की भी सलाह दी।
प्रोफेसर नंद ने कहा कि सोआ डीम्ड यूनिवर्सिटी टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में राज्य सरकार को हर संभव सहायता देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन ने महामारी के दौरान कई लोगों की जान बचाने में मदद की है।
डॉ. मिश्र ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में टेलीमेडिसिन का बड़े पैमाने पर उपयोग करने की बात कहते हुए कहा कि चिकित्सा शिक्षा के विस्तार में इसकी मदद ली जा सकती है। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा में संकाय सदस्यों की कमी पर चिंता व्यक्त की। टीएसआई के ओडिशा चैप्टर के सचिव डॉ. सब्यसाची पटनायक ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।
इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार महापात्र, सोआ के प्रधान सलाहकार (स्वास्थ्य विज्ञान), प्रो. (डॉ.) संघमित्रा मिश्र, डीन, आईएमएस और एसयूएम अस्पताल, प्रो. (डॉ.) गंगाधर साहू, संस्थान के पूर्व डीन, प्रो. (डॉ.) पुष्पराज सामंतसिंहर, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और प्रोफेसर (डॉ.) प्रकाश कुमार साहू सम्मेलन के बतौर समन्वयक उपस्थित थे।