ओडिशा के परिवहन मंत्री विभूति भूषण जेना ने एक बार फिर हड़ताली ड्राइवरों से अपना आंदोलन वापस लेने और काम पर लौटने की अपील की है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि ड्राइवरों की सभी मांगों का समाधान किया जाएगा, लेकिन निहित स्वार्थी समूहों के कथित हस्तक्षेप के कारण हड़ताल जारी है।
जेना ने कहा कि मैं एक बार फिर ड्राइवरों से हड़ताल वापस लेने की अपील करता हूं। सरकार उनकी मांगों से अच्छी तरह वाकिफ है और मैं आश्वासन देता हूं कि सभी मांगों का समाधान किया जाएगा। उन्हें दूसरों के बहकावे में आने से बचना चाहिए।
हड़ताल ने तेल, खाद्य तेल, ईंधन, खाद्यान्न और सब्जियों सहित आवश्यक वस्तुओं के परिवहन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हालांकि, सरकार अन्य ड्राइवर संघों की मदद से परिवहन को सामान्य करने में कामयाब रही है।
मंत्री जेना ने कहा कि ड्राइवरों को निहित स्वार्थी समूहों द्वारा गुमराह किया जा रहा है और उन्होंने उनसे ऐसी गतिविधियों से दूर रहने का आग्रह किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों से अवगत है और उन्हें हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। जेना ने ड्राइवरों से हड़ताल वापस लेने और काम पर लौटने की अपील की और ज़ोर देकर कहा कि सरकार उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
मंत्री ने आगे कहा कि ड्राइवरों को एक निहित स्वार्थी समूह द्वारा गुमराह किया जा रहा था और उन्होंने अपनी हड़ताल जारी रखी। उनकी हड़ताल के कारण तेल, खाद्य तेल, ईंधन और खाद्य एवं सब्ज़ियों का परिवहन बाधित हुआ।
बतादें कि ओडिशा ड्राइवर्स महासंघ के सदस्य सात सूत्री मांगों के समर्थन में अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखे हुए हैं। उनकी प्रमुख मांगों में ड्राइवर कल्याण योजना का कार्यान्वयन, पुलिस वाहनों की बार-बार जांच बंद करना, 60 वर्ष से अधिक आयु के ड्राइवरों के लिए पेंशन, बीमा और दुर्घटना मुआवज़ा, शौचालय और पार्किंग सुविधाओं का निर्माण और राज्य राजमार्गों पर हर 100 किलोमीटर पर विश्रामगृहों का प्रावधान शामिल है।
हड़ताल का सार्वजनिक परिवहन पर बुरा असर पड़ा है और निजी बसें सड़कों से नदारद हैं। राज्य भर में यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि ओएसआरटीसी और आम् बस सेवा द्वारा संचालित केवल सीमित संख्या में सरकारी बसें ही सेवा दे पा रही हैं।