रायपुर.
छत्तीसगढ़ में जितनी तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, रिकवरी दर भी उतनी ही बेहतर है। प्रबंधन के मामले में छत्तीसगढ़ ने देश के कई राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। प्रदेश में मरीजों के ठीक होने की दर 78.4 फीसदी है, जो कि देश में चौथे नंबर पर है। 50 से ज्यादा मरीजों वाले राज्यों में हमसे बेहतर स्थिति में सिर्फ उत्तराखंड, राजस्थान और त्रिपुरा ही हैं। प्रदेश में अब तक 3023 पॉजिटिव मिले हैं, इसमें से 2362 स्वस्थ हो गए हैं।
अभी तक 1.66 लाख से ज्यादा सैंपल की जांच
प्रदेश में अभी तक 1 लाख 66 हजार 656 लोगों के सैंपल की जांच की जा चुकी है। पॉजिटिव पाए गए 3023 लोगों में से अभी एक्टिव केस 647 हैं।
राज्य |
ठीक होने की दर |
मृत्यु दर |
छत्तीसगढ़ |
78.4% |
0.5% |
महाराष्ट्र |
54.2% |
4.4 |
मध्यप्रदेश |
76.7% |
4.2 |
उत्तरप्रदेश |
69.1% |
- |
आंध्रप्रदेश |
45.4% |
1.2 |
तेलंगाना |
48.8% |
1.5 |
ओडिशा |
72.9% |
0.5 |
झारखंड |
76.9% |
0.6 |
रायपुर सांसद सुनील सोनी ने 29 जून को की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस
बलौदाबाजार जिले में 12 से ज्यादा पत्रकारों को क्वारैंटाइन किया गया है। ये पत्रकार रायपुर सांसद सुनील सोनी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे। इस दौरान सांसद का पीएसओ भी वहां मौजूद था। उसकी रिपोर्ट शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव आई है। ऐसे में संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारैंटाइन किया जा रहा है। सांसद भी परिवार समेत क्वारैंटाइन हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग अभी भी जारी है। संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारैंटाइन किया जाएगा।
मार्केटिंग के लिए रायपुर डिवीजन के 10 टीटीई की ड्यूटी लगाई गई
कोरोना संक्रमण के संकट के चलते भारत सरकार ने ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी है। हालांकि कुछ चुनिंदा ट्रेनों को शुरू करने की अनुमति है। इस बीच रेलवे ने टीटीई को मार्केटिंग की जिम्मेदारी सौंप दी है। इसमें रायपुर रेलवे डिवीजन के 10 टीटीई का नाम शामिल है। रेलवे की आय बढ़ाने के लिए इनको पार्सल लाने की जिम्मेदारी सौंपी है। बताया जा रहा है कि ट्रेन टीटी अब फील्ड में जाकर पार्सल लाने के लिए मार्केटिंग करेंगे।
आईआरटीसीएसओ ने विरोध जताया
रेलवे की ओर से यह आदेश मिलने के बाद विरोध भी शुरू हो गया है। इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ एसोसिएशन (आईआरटीसीएसओ) ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले रायपुर डिवीजन और साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के टीटीई के साथ ये अन्याय है। उन्हें फील्ड पर मार्केटिंग जॉब करने के लिए कहा जा रहा है। इसको लेकर पीएमओ, रेल मंत्रालय और रेलमंत्री पीयूष गोयल को ट्वीट भी किया गया है।