भुवनेश्वर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-2 की अदालत ने हंसिता अभिलिप्सा और उसके सहयोगी अनिल मोहंती को जमानत देने से इनकार कर दिया। उन्हें राज्य में कई हाई-प्रोफाइल हस्तियों को ठगने के आरोप में कमिश्नरेट पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
रिपोर्ट के अनुसार, 18 जनवरी को दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।
दूसरी ओर, कमिश्नरेट पुलिस ने दोनों की 5 दिन की रिमांड की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। विशेष अपराध इकाई ने उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं। इसके अलावा, उनके खिलाफ देह व्यापार के आरोप भी हैं। दोनों को पहले रिमांड पर लिया गया था और पूछताछ के दौरान पुलिस ने महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई थी।
जांच दल मानव तस्करी में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में और अधिक जानकारी जुटाना चाह रहा है और इसलिए, उन्हें फिर से रिमांड पर लेने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगा।
उल्लेखनीय है कि हंसिता और उसके साथी अनिल को 31 दिसंबर को भुवनेश्वर पुलिस ने कथित तौर पर पैसे हड़पने के आरोप में हिरासत में लिया था। उन्होंने अपनी धोखाधड़ी की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की बेटी और दामाद बताया था।