शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान (सोआ) की उपाध्यक्ष सास्वती दास ने शनिवार को कहा कि पशु चिकित्सकों पर पीड़ित पशुओं और पक्षियों की समस्या और दर्द को समझने की भारी जिम्मेदारी है, क्योंकि वे खुद इसे व्यक्त नहीं कर सकते।
विश्व पशु चिकित्सा दिवस के अवसर पर सोआ के पशु चिकित्सा विज्ञान संकाय, पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन संस्थान (आईवीएसएएच) में आयोजित एक समारोह में दास ने कहा कि हमारी सभ्यता पशुओं के बिना अस्तित्व में नहीं रह सकती। इसलिए, उनकी देखभाल करना और उनकी समस्या को सक्रिय दृष्टिकोण से समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
दास ने सोआ द्वारा जोड़े गए नवीनतम संस्थान आईवीएसएएच के विकास की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
इस वर्ष के विश्व पशु चिकित्सा दिवस की थीम- ‘पशु स्वास्थ्य के लिए एक टीम की आवश्यकता होती है’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि संस्थान के पशुधन फार्म में पशुओं को दी जा रही देखभाल को देखकर उन्हें खुशी हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित ची यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी एक्यूपंक्चर के निदेशक प्रो. (डॉ.) अक्षय शाह ने पशु-पक्षियों के उपचार में एक्यूपंक्चर के उपयोग पर जोर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सोआ के कुलपति प्रो. प्रदीप्त कुमार नंद ने कहा कि मनुष्य का भविष्य पशु-पक्षियों पर निर्भर है। हमें अपने अस्तित्व के लिए दोनों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। प्रो. नंद ने सोआ द्वारा स्थापित पशु चिकित्सालय के बारे में भी बताया और कहा कि वहां पशु-पक्षियों की अच्छी देखभाल की जा रही है। आईवीएसएएच के डीन प्रो. सुशांत कुमार दास ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि प्रो. श्रीनिवास राव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर आईवीएसएएच के प्रोफेसरों द्वारा लिखी गई पुस्तकों का अनावरण किया गया, जबकि कई पशु चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्रों को पुरस्कार वितरित किए गए।