जिले के सदर थाना क्षेत्र में 35 बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए हैं। मौके पर सभी बच्चों को सदर अस्पताल लाया गया। इनमें से कुछ बच्चों की हालत गंभीर थी। हालांकि फिलहाल सभी बच्चे खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। दरअसल, लातेहार जिले के ग्रामीण इलाकों में जितिया त्योहार के बाद जतरा मेला का आयोजन किया जाता है। यह परंपरा लगभग सभी गांव में निभाई जाती है। सदर थाना क्षेत्र के आरागुड़ी पंचायत अंतर्गत टेमकी गांव में भी जतरा मेला का आयोजन किया गया था। मेले में खाने-पीने की कई वस्तुएं बेची जा रही थी। इस दौरान गांव के कुछ बच्चों ने मेले में लगी एक दुकान से चाऊमीन खरीदी। चाऊमीन खाने के लगभग एक घंटे बाद अचानक कई बच्चों को उल्टियां होने लगीं। इससे ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई।इधर, सूचना मिलने के बाद पूर्व मुखिया राजेश उरांव के द्वारा तत्काल इसकी जानकारी लातेहार सदर अस्पताल को दी गई। मौके पर एम्बुलेंस भेजा गया और सभी 35 बीमार बच्चों को सदर अस्पताल लाया गया। जहां डॉ। जयप्रकाश जयसवाल के नेतृत्व में सभी बच्चों का इलाज आरंभ किया गया।
सूचना मिलने के बाद जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव भी तत्काल अस्पताल पहुंचे और पूरी स्थिति की जानकारी ली।मामले को लेकर गांव के पूर्व मुखिया राजेश उरांव ने बताया कि गांव के सभी लोग यात्रा मेला घूमने आए थे। इस दौरान बच्चे मेले में लगे एक ठेले से चाऊमीन खरीदकर खाई। चाऊमीन खाने के बाद अचानक बच्चे बीमार होने लगे। एक के बाद एक कई बच्चे उल्टी करने लगे। इसके बाद सभी बच्चों को एम्बुलेंस की मदद से सदर अस्पताल लाया गया। उन्होंने बताया कि फिलहाल सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। चाऊमीन बेचने वाला बगल के गांव का रहने वाला है।
इधर, सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जयप्रकाश जयसवाल ने बताया कि लगभग 35 बच्चों को फूड प्वाइजनिंग होने के बाद लातेहार सदर अस्पताल लाया गया था। इनमें से सात-आठ बच्चों की स्थिति गंभीर थी। बाकी अन्य बच्चे मामूली रूप से बीमार थे। उन्होंने बताया कि सभी बच्चों का बेहतर तरीके से इलाज किया गया। अब सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। हालांकि सावधानी के लिए बच्चों को अभी अस्पताल में ही रखा गया है।