प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘डिजिटल इंडिया’ ने हर भारतीय के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाया है। यह बात बुधवार को भुवनेश्वर स्थित शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान (एसओए) डीम्ड विश्वविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी के दौरान वक्ताओं ने कही।
प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर आयोजित इस संगोष्ठी का विषय था- ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एंड इनोवेशन -एम्पावरिंग सिटिज़न्स इन द न्यू एरा’।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रदीप्त कुमार नंद ने कहा कि डिजिटलीकरण ने संचार, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और वित्त जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं और इससे कार्यकुशलता बढ़ी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यूपीआई लेन-देन ने अर्थव्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया है, वहीं छात्रों के लिए शुरू की गई एपीएआर आईडी भी बड़ा अंतर ला रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लंबी आयु और सुखमय जीवन की शुभकामनाएं दीं।
प्रो-वाइस चांसलर प्रो. (डा.) नीता मोहंती ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में डिजिटलीकरण को विस्तार देने की राह दिखाई है।
इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ एंड एसयूएम हॉस्पिटल की डीन प्रो. (डा.) संघमित्रा मिश्रा ने कहा कि टेली-मेडिसिन और टेली-आईसीयू जैसी सेवाएं आम जनता तक पहुंचना डिजिटलीकरण की बड़ी उपलब्धि है, जो प्रधानमंत्री के प्रयासों से संभव हुआ है।
इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज़ के डीन प्रो. संतोष कुमार राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री का अनोखा कार्यक्रम ‘मन की बात’ लोगों के जीवन को हर क्षेत्र में स्पर्श कर रहा है।
इसके अलावा इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एंड कंप्यूटर स्टडीज़ (IBCS) के डीन प्रो. आयसा कांत मोहंती और स्कूल ऑफ फ़ार्मास्यूटिकल साइंसेज़ (SPS) के डीन-इन-चार्ज प्रो. प्रताप कुमार साहू ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन डीन (स्टूडेंट्स वेलफेयर) प्रो. ज्योति रंजन दास ने किया।