पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी का साथ छोड़ कर टीएमसी में शामिल हुए विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बता दें कि मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता रद्द कराने के लिए शुभेंदु अधिकारी ने पहले ही हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब अन्य विधायकों के मामले को लेकर भी कोर्ट जाएंगे। अगले सप्ताह इससे संबंधित याचिका लगाई जा सकती है। पार्टी सूत्रों ने गुरुवार ने बताया कि शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में गत साढ़े 10 वर्षों में दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं किया गया। इसमें सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि स्पीकर को तीन महीने के अंदर निर्णय लेना होगा। तीन महीने से अधिक हो गये हैं, लेकिन मुकुल रॉय को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया। 23 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई है अगर उस दिन विधानसभा में कोई ठोस निर्णय नहीं होगा तो 24 सितंबर को न्यायालय के संज्ञान में यह मामला लाया जाएगा।
बता दें कि बंगाल में आज भी ममता बनर्जी की टीएमसी ने बीजेपी को झटका दे रही है। मुकुल रॉय, तन्मय घोष और विश्वजीत दास ने बीजेपी से नाता तोड़कर टीएमसी में शामिल हो गए हैं। विश्वजीत दास के अलावा पार्षद मोनोतोष दास ने भी टीएमसी ज्वाइन कर ली थी। बता दें कि ये तीनो नेता पहले टीएमसी में थे, लेकिन वे बीजेपी में शामिल हो गए थे। अब फिर टीएमसी में लौट गए हैं। बीजेपी के दो विधायक तन्मय घोष और विश्वजीत दास के टीएमसी में शामिल होने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू दी। इन विधायकों को नोटिस भेजने के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को भी पत्र देकर सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है।