बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया है। पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने घोषणा की कि जेएमएम छह सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी। इनमें चकाई, धमदाहा, कटोरिया, पिरपैंती, मनीहारी और जमुई सीटें शामिल हैं। भट्टाचार्य ने कहा कि हम महागठबंधन के साथ नहीं लड़ेंगे, बल्कि अपनी ताकत पर उतरेंगे।'
इस बीच राजद, कांग्रेस और वामदलों वाले महागठबंधन में आंतरिक कलह तेज हो गई है। अभी तक की जानकारी के अनुसार, 7 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल आमने-सामने हैं। इनमें लालगंज, वैशाली, राजापाकर, बछवाड़ा, रोसरा और बिहारशरीफ सीटें प्रमुख हैं। इन सीटों पर प्रत्याशियों के नामांकन ने महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सिकंदरा विधानसभा सीट पर भी घमासान मचा है। यह सीट मूल रूप से कांग्रेस के विनोद चौधरी को आवंटित की गई थी, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सिंबल पर पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने शनिवार को इस सीट से नामांकन भर दिया। इससे सिकंदरा सीट पर भी महागठबंधन के घटक दल आमने-सामने आ गए हैं। अब तक कुल सात सीटों पर ऐसी स्थिति बन चुकी है।
राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया ब्लॉक में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा का बिहार चुनाव में महागठबंधन से अलग होना, झारखंड-बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में पार्टी द्वारा अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। महागठबंधन में शामिल दलों के नेताओं ने स्थिति को शांत करने के प्रयास शुरू किए हैं, लेकिन नामांकन की अंतिम तिथि नजदीक होने से तनाव बढ़ता जा रहा है।