मादक पदार्थ बेचने के आरोप में महिला समेत दो गिरफ्तार

  • Nov 02, 2025
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रांची,02 नवंबरः

झारखंड की राजधानी रांची में नशे के कारोबारी कारोबार को बढ़ाने के लिए नए नए तरीके अपना रहे हैं। नशीले पदार्थ के बिक्री हेतु बकायदा दुकान भी खोल लिया गया है। रांची के बरियातू में पुलिस की छापेमारी में इस बात का खुलासा हुआ है। मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए महिला समेत दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि रांची के बरियातू इलाके में बेहद शातिराना अंदाज में गांजा की बिक्री की जा रही थी। गांजे का कारोबार बरियातू थाना क्षेत्र के चिरौंदी की रहने वाली ममता सिंह के द्वारा संचालित किया जा रहा था। रांची पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए ममता सिंह और उसके एक अन्य साथी यादव को गिरफ्तार किया है। दोनों की गिरफ्तारी शुक्रवार की रात छापेमारी कर की गई है। मौके से पुलिस ने डेढ़ किलो से ज्यादा गांजा भी बरामद किया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि बरियातू थाना क्षेत्र के चिरौंदी में रहने वाली महिला ममता बेहद शातिराना तरीके से मादक पदार्थों का कारोबार कर रही है। जानकारी पुख्ता होने पर पुलिस ने अपना जाल बिछाया औरममता की एक्टिविटी पर नजर रखे जाने लगी।मामले की तफ्तीश में लगी पुलिस की टीम ने देखा कि ममता सिंह गांजे का कारोबार अपने दुकान के अंदर से ही बैठकर कर रही है। जो लोग भी गांजा खरीदने के लिए आते हैं, वो पैसे का भुगतान ऑनलाइन करते थे। ऑनलाइन भुगतान के लिए दुकान के काउंटर पर बकायदा स्कैनर लगा कर रखा गया था। शुक्रवार की रात भी काफी मात्रा में गांजा दुकान में होने की सूचना पुलिस को मिली जिसके बाद ममता की दुकान में रेड किया गया। मौके से ममता सिंह और उसका एक अन्य स्टाफ यादव गांजे के साथ रंगे हाथ पकड़े गए। पुलिस की टीम ने जब छापेमारी की तो ममता सिंह के स्टाफ ने गांजे को छत से बाहर फेंकने की कोशिश की। लेकिन पुलिस घर के बाहरी वाले हिस्से में भी मौजूद थी।इसकी वजह से फेंका हुआ गांजा भी बरामद कर लिया गया।

 वरिष्ठ अधिकारियों से मिली सूचना के आधार पर छापेमारी कर ममता सिंह सहित दो को गिरफ्तार किया गया है। ममता सिंह बड़े ही शातिराना अंदाज में मादक पदार्थों का कारोबार कर रही थी। इस गोरख धंधे में ममता सिंह का पति भी उसका साथ देता था। हालांकि वह फिलहाल फरार चल रहा है। गांजा खरीदने वाले लोग पैसे का भुगतान स्कैनर के जरिए किया करते थे जो सीधे ममता सिंह के खाते में जाया करता था।

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