पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य के 2,026 स्कूलों की लाइब्रेरी के लिए किताबें खरीदने की योजना को मंजूरी दी है, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लिखी गई 19 पुस्तकें भी शामिल की गई हैं। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से इस परियोजना के तहत कुल 20 करोड़ 26 लाख की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे प्रत्येक विद्यालय को एक लाख रुपये का आवंटन मिलेगा। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किताबों की जो सूची स्कूलों को भेजी गई है, उसमें कुल 560 पुस्तकों के नाम शामिल हैं, जिनमें से 19 किताबें ममता बनर्जी की लिखी हुई हैं। इन पुस्तकों में ‘बकिलटा हारीये गेछे’, ‘आमार पाहाड़’, ‘आमार जोंगोल’, ‘चोखेर तारा’, ‘जीबन संग्राम’, ‘एक पोलोके एक झोलोके’, ‘कुच्छापोक्खो’ जैसी कृतियां प्रमुख हैं। इनके अलावा सूची में रवींद्रनाथ ठाकुर, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय, अवनींद्रनाथ ठाकुर, विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय, हेमर, अल्बर्ट आइंस्टीन, हेनरी गिल्बर्ट, ओ. हेनरी, जेरोम के. जेरोम, हेलेन केलर, महाश्वेता देवी, सुनील गांगोपाध्याय और नवनीता देवसेन जैसे विश्वप्रसिद्ध लेखकों की किताबें भी शामिल हैं।
साथ ही तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेताओं और पदाधिकारियों की लिखी किताबें भी इस सूची में मौजूद है। स्कूल शिक्षा आयुक्त की ओर से सभी जिलों के माध्यमिक जिला निरीक्षकों (डीआई) को निर्देश भेजे गए हैं। इसमें कहा गया है कि संबंधित पब्लिशर्स एंड बुकसेलर्स गिल्ड के साथ समन्वय कर किताबों की आपूर्ति की जाएगी।
गिल्ड के सचिव सुधांशु डे के मुताबिक, यह परियोजना 2019-20 में शुरू की गई थी ताकि स्कूल लाइब्रेरी में पर्याप्त पुस्तकें उपलब्ध कराई जा सकें। इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी, जिसे चार हजार से पांच हजार किताबों की सूची सौंपी गई थी। इस समिति की अध्यक्षता तत्कालीन स्कूल शिक्षा आयुक्त कर रहे थे, जबकि सिलेबस कमेटी के तत्कालीन चेयरमैन अभीक मजूमदार, शिक्षा निदेशालय के उप निदेशक देबज्योति बड़ाल सहित अन्य विशेषज्ञ सदस्य भी शामिल थे। सुधांशु डे ने बताया कि इस सूची में कई नामी प्रकाशकों की किताबें भी सम्मिलित की गई हैं, जिनका चयन गुणवत्ता और विषयवस्तु के आधार पर किया गया है।