प्रतिष्ठित रथ यात्रा की तैयारियां अपने अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री और संबलपुर के सांसद धर्मेंद्र प्रधान ने श्रद्धालुओं व आगंतुकों से त्योहार के दौरान एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील की है।
मंगलवार को एक वीडियो संदेश में प्रधान ने रथ यात्रा के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला, जो तीन दिनों में शुरू होगी। यह भगवान जगन्नाथ की दयालुता और दुनिया भर के भक्तों के लिए सुलभता का प्रतीक है। ओडिशा सरकार और जिला प्रशासन एक सुचारू व भव्य उत्सव सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और सुदर्शन - 'रत्न सिंहासन' से निकलकर 'बड़दांड' की ओर बढ़ेंगे, जहां दुनिया भर से हजारों भक्तों के इकट्ठा होने और रथ खींचने के समारोह में भाग लेने की उम्मीद है।
हालांकि, मंत्री ने त्योहार के दौरान आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के प्लास्टिक ‘बड़दांड’ को प्रदूषित करते हैं, स्थानीय वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाते हैं और समुद्र व नहरों सहित आस-पास के जल निकायों को दूषित करते हैं।
स्वच्छ ओडिशा, खुशी ओडिशा” मिशन के प्रति ओडिशा की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रधान ने सभी से पुरी में रथ यात्रा की शुरुआत से लेकर पांच जुलाई को बाहुड़ा यात्रा तक एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का उपयोग करने से परहेज करने का आग्रह किया।
इस प्रयास का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करना है।