ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा घोटाले की जांच बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया है।
यह फैसला भर्ती प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच आया है, जांच में एक अंतर्राज्यीय संगठित आपराधिक गिरोह की संलिप्तता का संकेत मिला है।
राज्य सरकार की अपराध शाखा सीआईडी द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से पता चला है कि भ्रष्टाचार आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में भी फैल सकता है। मुख्यमंत्री के इस फैसले का उद्देश्य गहन जांच सुनिश्चित करना, भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करना और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाना है।
इसके अलावा, राज्य सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस और अन्य वर्दीधारी सेवाओं में कर्मियों के चयन हेतु एक स्थायी आयोग की स्थापना पर विचार कर रही है। इस कदम से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही आने की उम्मीद है।