पूर्वी भारत के समुद्री द्वार के रूप में प्रसिद्ध ओडिशा ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान दर्ज कराई है। इंडिया मेरीटाइम वीक-2025 में ओडिशा को ‘सर्वश्रेष्ठ स्टॉल’ का पुरस्कार मिला है। यह सम्मान राज्य की समृद्ध समुद्री विरासत, नवाचार और सतत विकास दृष्टि के शानदार प्रदर्शन के लिए प्रदान किया गया।
यह पुरस्कार केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने प्रदान किया, जिसे वाणिज्य एवं परिवहन विभाग के अतिरिक्त सचिव बिधान चंद्र राय, पोर्ट्स एवं अंतर्देशीय जल परिवहन निदेशक पद्मलोचन राउल तथा मुख्य नौवहन अधिकारी कैप्टन सुषांत बाग ने प्राप्त किया।
वाणिज्य एवं परिवहन विभाग, ओडिशा सरकार तथा ओडिशा मेरीटाइम बोर्ड द्वारा तैयार इस स्टॉल का थीम था- “ओडिशा - विरासत और आशा की यात्रा (Odisha – Voyage of Heritage and Hope)”। इस स्टॉल में ओडिशा की समुद्री यात्रा को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया था। कलिंग के प्राचीन बोइत बंदाण और जहाज निर्माण परंपरा से लेकर बंदरगाह आधारित विकास, अंतर्देशीय जलमार्ग, क्रूज़ पर्यटन, शिपबिल्डिंग क्लस्टर और ब्लू इकोनॉमी तक शामिल था।
ओडिशा के इस मंडप को आगंतुकों, विशिष्ट अतिथियों और उद्योग जगत के नेताओं से व्यापक सराहना मिली, जिन्होंने इसकी नवोन्मेषी डिजाइन और जीवंत कहानी प्रस्तुति की प्रशंसा की, जो ओडिशा के गौरवशाली समुद्री अतीत को उसके दूरदर्शी विकास एजेंडे से जोड़ती है।
इंडिया मेरीटाइम वीक-2025 में मिली यह पहचान ओडिशा की भारत के समुद्री परिवर्तन में बढ़ती भूमिका को रेखांकित करती है, जहां विरासत और नवाचार का संगम होता है। इसके साथ ही राज्य की उस दृष्टि को सशक्त बनाती है जो “विकसित ओडिशा, विकसित भारत” की दिशा में अग्रसर है।