पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित पॉर्न रैकेट मामले में मुख्य आरोपित श्वेता खान के खिलाफ अब जालसाजी (फर्ज़ीवाड़ा) के भी आरोप लगाए गए हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस की जांच में सामने आया है कि श्वेता ने कई फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेज बनवाकर अलग-अलग नामों से बैंक खाते भी खुलवाए थे। पुलिस के अनुसार, श्वेता खान ने आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) और पैन कार्ड जैसे दस्तावेजों को फर्जी नामों—श्वेता खान, महसिना बेगम और फुलतूसी—के तहत बनवाया। इन दस्तावेजों के आधार पर संबंधित नामों से बैंक खाते खोले गए, जिसे अब फर्जीवाड़ा माना जा रहा है। पुलिस ने अदालत में जालसाजी के साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं और मामले में पूछताछ के लिए फिर से पुलिस हिरासत की मांग की। अदालत ने उसे पांच दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने पुलिस ने इस मामले में श्वेता खान, उसके बेटे आर्यन खान और नाबालिग बेटी को गिरफ्तार किया था। चूंकि एक आरोपित नाबालिग है, इसलिए उसके खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर किशोर न्याय बोर्ड को सौंप दिया गया है। तीनों आरोपितों पर उत्तर 24 परगना जिले की एक महिला को छह महीने तक बंधक बनाकर रखने और जबरन पॉर्नोग्राफिक वीडियो में हिस्सा लेने से इनकार करने पर लोहे की छड़ से क्रूरतापूर्वक पीटने के आरोप हैं। इन सभी की गिरफ्तारी 11 जून को अलग-अलग स्थानों से की गई थी।
हालांकि, यह कार्रवाई तब तेज हुई जब राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार को पत्र लिखा और भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं के तहत त्वरित गिरफ्तारी की मांग की। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही आरोप लगाया था कि श्वेता खान के सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं से करीबी संबंध हैं। पिछले महीने सोशल मीडिया पर उसका एक फोटो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह हावड़ा जिले के एक उच्च पदस्थ राज्य मंत्री के साथ नजर आ रही थी।