‘कहीं भी हो सकती हैं दुर्लभ शल्य चिकित्सा प्रक्रियाएं’

  • Mar 22, 2025
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भुवनेश्वर, 22 मार्च:

शल्य चिकित्सा तकनीक और विधियों की उन्नति के साथ, आज छोटे शहरों में भी दुर्लभ शल्य चिकित्सा प्रक्रियाएं की जा सकती हैं, जिससे बड़ी संख्या में रोगियों को राहत मिल सकती है। भारत के पहले रोबोटिक ऑन्कोसर्जन के रूप में पहचाने जाने वाले डॉ. शैलेश पुणतांबेकर ने शनिवार को यह बातें कही। डॉ. पुणतांबेकर, जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लिए लेप्रोस्कोपिक रेडिकल हिस्टेरेक्टोमी विकसित करने के लिए भी जाने जाते हैं, जिसे दुनिया भर में 'पुणे तकनीक' के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी सर्जरी अब दोहराई जा सकती है और इसे कहीं भी किया जा सकता है।

 प्रख्यात सर्जन यहां शिक्षा '' अनुसंधान डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के चिकित्सा संकाय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान और सम अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा आयोजित 'उन्नत न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी कार्यशाला' में बोल रहे थे।

 डॉ. पुणतांबेकर, जिन्होंने कार्यशाला के प्रतिभागियों की शिक्षा के लिए दो रोगियों पर लाइव लेप्रोस्कोपिक रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी भी की। उन्होंने पहली बार 2003 में ऐसी शल्य प्रक्रिया की थी।

 अपनी पहली लेप्रोस्कोपिक रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी को याद करते हुए डॉ. पुणतांबेकर ने कहा कि वह यह कदम इसलिए उठा सके क्योंकि जब मैं कोई नहीं था, तब रोगी ने मुझ पर विश्वास किया था। उन्होंने 2008 में नई तकनीक के बारे में लेख प्रकाशित किया था, जब उनसे इस प्रक्रिया का नाम उनके नाम पर रखने के लिए कहा गया था।

 उन्होंने कहा कि मैंने इस तकनीक का नाम अपने नाम पर रखने का मन बनाया, क्योंकि इससे मैं अमर हो जाता, लेकिन मुझे लगा कि यह उन कई अन्य लोगों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने मेरा समर्थन किया था। मैंने इसे पुणे तकनीक नाम देने का फैसला किया।

 डॉ. पुणतांबेकर, पुणे में गैलेक्सी केयर अस्पताल के संस्थापक हैं। उन्होंने कहा कि भारत में सभी कैंसर के मामलों में सर्वाइकल कैंसर लगभग 20 प्रतिशत है, जिसके लिए नई तकनीक फायदेमंद साबित हो रही है।

 भुवनेश्वर में प्रदीप लेप्रोस्कोपी के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार पाणिग्रही ने भी डॉ. पुणतांबेकर की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि जब भी पेल्विक एनाटॉमी पर चर्चा होती है हम उन्हें याद करते हैं।

 आईएमएस और एसयूएम अस्पताल की डीन प्रो. (डॉ.) संघमित्रा मिश्रा और अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. (डॉ.) पुष्पराज सामंतसिंहार ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रमुख प्रो. (डॉ.) मनीषा साहू और आईएमएस और एसयूएम अस्पताल-2, फुलनखरा में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रमुख प्रो. (डॉ.) तापसी पति सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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