ओडिशा सरकार ने 29 जून को पुरी में गुंडिचा मंदिर के पास रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ की घटना की जांच रिपोर्ट के आधार पर सात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई श्रद्धालु घायल हुए थे। इसके साथ ही सरकार ने एक निजी तकनीकी कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने का फैसला भी किया है। गृह (विशेष शाखा) विभाग द्वारा जारी आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि सरकार ने विकास आयुक्त-सह-अतिरिक्त मुख्य सचिव (योजना एवं समन्वय) की अध्यक्षता में की गई जांच रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट में पुलिस पर्यवेक्षण में गंभीर चूक, मंदिर प्रशासन के साथ समन्वय की कमी और एआई आधारित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) की विफलता को प्रमुख कारण बताया गया है।
लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों में अजय कुमार पाढ़ी (कमांडेंट, ओएसएपी तृतीय बटालियन, कोरापुट), विष्णु प्रसाद पति (डीसीपी, मुख्यालय, भुवनेश्वर-कटक), तापस रंजन दास (कमांडेंट, एसएसएमएसवी, पुरी), केके नायक (डिप्टी कमांडेंट, एसएसएमएसवी, पुरी), प्रशांत कुमार साहू (डीएसपी, सिटी पुरी), सुशांत कुमार साहू (आईआईसी, कुम्भरपड़ा थाना) और शारदा प्रसाद दास (कमांडेंट, ओएसएपी आठवीं बटालियन, छत्रपुर) शामिल हैं।
जांच में पाया गया कि भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे दो वरिष्ठ अधिकारी — अजय कुमार पाढ़ी और विष्णु प्रसाद पति घटना के दौरान मौके पर मौजूद नहीं थे और उन्होंने भीड़ नियंत्रण की उचित निगरानी नहीं की। दोनों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। डीजीपी को ओडिशा सिविल सर्विसेज (सीसीए) नियमावली, 1962 के नियम 15 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
रिपोर्ट में सेवायतों और मंदिर प्रशासन के साथ समन्वय की कमी, अनुष्ठानों में देरी की सूचना न देने और भीड़ बढ़ने पर नियंत्रण में विफलता को भी प्रमुख कारण बताया गया है। बताया गया कि रथ की रस्सियां ले जा रहा एक वाहन जब घनी भीड़ के बीच से गुज़रा, तभी भगदड़ मच गई।
जांच में आईसीसीसी संचालन में गंभीर खामियां भी उजागर हुईं। कुल 275 सीसीटीवी कैमरों में से केवल 123 से 232 कैमरे ही कार्यरत थे। कई कैमरे गलत दिशा में लगे थे और एआई आधारित भीड़ घनत्व व चेहरे की पहचान प्रणाली प्रभावी रूप से काम नहीं कर रही थी। वहीं, मौके पर उपलब्ध ड्रोन का भी वास्तविक समय निगरानी के लिए उचित उपयोग नहीं किया गया।
सरकार ने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) के वेंडर M/s Invent Grid India Pvt. Ltd को अनुबंधित सेवाएं देने में विफल रहने पर ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही कमांडेंट शारदा प्रसाद दास के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है, क्योंकि वे आईसीसीसी की निगरानी कर रहे थे, फिर भी लाइव फीड में स्पष्ट भीड़भाड़ दिखने के बावजूद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को अलर्ट नहीं किया।
डीजीपी को गृह विभाग को कार्रवाई रिपोर्ट (एक्शन टेकेन रिपोर्ट) सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। घटना के तुरंत बाद प्रशासनिक कदम के तौर पर पुरी एसपी का तबादला कर दिया गया था।