कोरापुट रेंज में बाघों की गणना (टाइगर सेंसस) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वन्यजीव निगरानी के तहत यह गणना अभियान आज से प्रारंभ हुआ है, जो 21 दिसंबर तक जारी रहेगा। इस दौरान कोरापुट रेंज के अंतर्गत चिन्हित 10 क्षेत्रों को कवर किया जा रहा है।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, बाघ गणना के लिए 10 विशेष टीमों का गठन किया गया है, जिन्हें कोरापुट रेंज के 10 अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया गया है। यह अभियान डोंगरी, रानीगढ़, कोरापुट-1, कोरापुट सदर, मगरा सहित अन्य वन क्षेत्रों में संचालित किया जा रहा है।
इस गणना कार्य में वनपालों, वन रक्षकों और वन सुरक्षा समिति (वीएसएस) के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। समन्वित प्रयास के तहत क्षेत्र में बाघों की मौजूदगी, उनकी आवाजाही और गतिविधियों का आकलन किया जा रहा है, ताकि कोरापुट के वन क्षेत्रों में संरक्षण और सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जा सके।
वन अधिकारियों ने बताया कि गणना के दौरान एकत्र किए गए आंकड़े जिले में बाघों की वास्तविक संख्या का आकलन करने में सहायक होंगे। साथ ही, भविष्य की वन्यजीव संरक्षण योजनाओं और रणनीतियों को तैयार करने में भी यह डेटा अहम भूमिका निभाएगा।
वन विभाग का कहना है कि इस तरह के नियमित सर्वेक्षण से न केवल बाघ संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।