ऑपरेशन सिंदूर को प्रस्ताव से हटाने पर भाजपा ने विधानसभा में जताई नाराजगी

  • Jun 09, 2025
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कोलकाता,09 जूनः

पश्चिम बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र आज सोमवार से शुरू हो रहा है। इसमें ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक विशेष प्रस्ताव लाया जाएगा, लेकिन राज्य सरकार की ओर से लाए जाने वाले इस प्रस्ताव में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र नहीं है, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी आपत्ति जताई है। यह प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 पर्यटकों की निंदा और भारतीय सशस्त्र बलों की जवाबी कार्रवाई की सराहना करने के उद्देश्य से लाया जाना है। यह प्रस्ताव मंगलवार को दो घंटे की चर्चा के लिए विधानसभा में पेश किया जाएगा, जिसकी रूपरेखा विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय की गई थी। लेकिन ड्राफ्ट में ऑपरेशन सिंदूरका ज़िक्र नहीं किया गया, जिससे भाजपा विधायक दल नाराज़ है। भाजपा के एक विधायक ने कहा, “भारतीय सशस्त्र बल हमारे देश का गौरव हैं। पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों पर की गई सफल कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूरनाम दिया गया था। ऐसे में इस नाम का प्रस्ताव से हटाया जाना सशस्त्र बलों का अपमान है।राज्य विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने आरोप लगाया कि प्रस्ताव का ड्राफ्ट तैयार करने वाले लोगों को न तो भारतीय सेना की समझ है और न ही सुरक्षा बलों की कार्रवाइयों को लेकर पर्याप्त जानकारी।

 उन्होंने कहा कि इस मामले पर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी मंगलवार को सदन में विस्तार से अपनी बात रखेंगे। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय द्वारा यह प्रस्ताव पेश किया जाना है, इस कारण तृणमूल कांग्रेस के किसी भी नेता ने इस विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। राज्य कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, “चूंकि यह प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष की पहल है, इसलिए इस पर हमारी ओर से टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कहा कि सदन की कार्यवाही भाजपा के मनमाफिक नहीं चलाई जा सकती। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाजपा विधायक चर्चा के दौरान इस मुद्दे पर अपनी बात खुलकर रख सकते हैं।

  गौरतलब है कि पिछले महीने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऑपरेशन सिंदूरको एक राजनीतिक नामकरण बताया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोगों की भावनाओं का राजनीतिक उपयोग करने का आरोप लगाया था। उनके इस बयान पर भाजपा नेताओं ने कड़ा विरोध जताया था और कहा था कि मुख्यमंत्री पाकिस्तान के सुर में बोल रही हैं।

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