पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के समशेरगंज में सोमवार देर रात गंगा किनारे भयावह कटाव ने कई परिवारों को बेघर कर दिया। सोते समय लोगों के घर का हिस्सा अचानक नदी में समा गया। गनीमत रही कि समय रहते सभी लोग घर से निकलकर अपनी जान बचाने में सफल रहे, लेकिन कई मवेशी और पेड़ नदी में बह गए। घटना से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और गंगा किनारे बसे लोग दहशत में हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की रात उत्तर चाचंड और मध्य चाचंड क्षेत्रों में लोग खाना खाकर सो रहे थे, तभी तेज धमाके जैसी आवाज से उनकी नींद खुली। देखा तो घर का एक बड़ा हिस्सा गंगा में धंस चुका था। लोग तुरंत अपने घरों से बाहर निकल गए। कई मकान अब भी खतरे में हैं और नदी किनारे स्थित एक मंदिर में भी दरारें पड़ गई हैं। मंगलवार सुबह से ही लोग अपने घरों का सामान समेटकर सुरक्षित जगहों की ओर जा रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालने में जुटे हैं। प्रभावित परिवारों ने प्रशासन से तुरंत राहत और पुनर्वास की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, फरक्का बैराज पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 7.10 फीट ऊपर बह रहा है। मंगलवार सुबह छह बजे फरक्का बैराज के अपस्ट्रीम में जलस्तर 80.10 फीट और डाउनस्ट्रीम में 78.95 फीट दर्ज किया गया। जलस्तर में इस वृद्धि के कारण गंगा और बागमारी नदी किनारे के गांवों में पानी घुस गया है। सोमवार रात से ही फरक्का पुलिस प्रशासन माइकिंग के जरिए लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील कर रहा है।