भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार में मुसलमानों को उचित हिस्सा नहीं मिला है और अब अल्पसंख्यक समुदायों को अपने अधिकारों को हासिल करने का समय है। घोष ने हावड़ा में एक सार्वजनिक बैठक में कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस 'तुष्टीकरण की राजनीति' पर चल रही थी, लेकिन पार्टी ने मुसलमानों की वित्तीय स्थिति को बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस मुसलमानों से बहुत प्यार करती है, तो वे इतने गरीब क्यों हैं?" सच्चर समिति ने कहा था कि बंगाल के मुसलमान बहुत गरीब हैं। कोविड -19 महामारी के दौरान सभी को भोजन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सद्भावना, सभी को लाभान्वित करना था, भले ही उनका धर्म कोई भी हो। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में मुसलमानों को पशु तस्करी जैसे विभिन्न अपराधों के लिए पुलिस के मामलों से भरा गया है।
घोष ने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा पश्चिम बंगाल में भेजे गए अनाज को बांग्लादेश भेजा गया था। आज बंगाल के मुसलमानों को (तृणमूल की मंशा) का एहसास हो गया है और वे अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए तैयार हैं। अगर हैदराबाद की एआईएमआईएम यहां विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है, तो दीदी (ममता बनर्जी) क्यों चिंतित हैं?