17वीं ओडिशा विधानसभा के पहले सत्र का आगाज काफी हंगामेदार रहा। विपक्षी दलों, बीजद और कांग्रेस के विधायकों ने सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ‘ओडिया अस्मिता’ के मुद्दे पर सदन का बहिष्कार कर दिया।
तय कार्यक्रम के अनुसार, 2024-25 के लिए ओडिशा का बजट 25 जुलाई को विधानसभा में पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा पेश किया जाने वाला यह पहला बजट होगा।
वहीं, अपने अभिभाषण में राज्यपाल रघुबर दास ने कहा कि ओडिशा सरकार लोगों के कल्याण और उनके विकास के लिए समर्पित रूप से काम करेगी।
मैं आश्वासन देता हूं कि मेरी सरकार लोगों के कल्याण के लिए समर्पित होगी और निष्पक्ष नीतियां लेकर आएगी। यह ओडिया अस्मिता को केंद्र में रखकर सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी। राज्य सरकार पारदर्शी शासन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्यपाल ने कहा कि ओडिशा सरकार आदिवासियों, गरीबों और अन्य भूमिहीन लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की दिशा में काम करेगी। राज्य के लोगों ने भारी बहुमत के साथ नई सरकार के लिए मतदान किया है। प्रदेश की जनता ने ओडिया अस्मिता, सुशासन और जाति-धर्म से ऊपर उठकर वोट दिया है।
राज्यपाल ने कहा कि ओडिशा सरकार 2036 तक एक समृद्ध और विकसित ओडिशा बनाने की उम्मीद करती है। ओडिशा को एक ऐसा राज्य बनाना है जहां महिलाएं सशक्त हों, किसान विकसित हों और युवाओं को रोजगार मिले। सरकार का लक्ष्य प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित करना, पर्यटन को बढ़ाना, स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी में निवेश करना है ताकि ओडिशा पूर्वी भारत में पावरहाउस बन सके।
राज्य सरकार लोगों की सेवा के लिए चौबीसों घंटे काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। शपथ लेने के बाद नई सरकार ने पुरी जगन्नाथ मंदिर के सभी द्वार खोलने के लिए तत्काल कदम उठाकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है।