पूरे ओडिशा में हर साल 01 अप्रैल को उत्कल दिवस मनाया जाता है। ओडिशा आज उत्कल दिवस के 87 वर्ष मना रहा है।
इस दिन ओडिशा को एक अलग प्रांत घोषित किया गया था और 9 नवंबर 2010 को भारत की संसद द्वारा इसका नाम बदलकर ओडिशा कर दिया गया था और उड़िया भाषा को ओडिया कर दिया गया था।
स्वतंत्र उत्कल प्रांत बनाने में उत्कल गौरव मधुसूदन दास, उत्कलमणि गोपबंधु दास, महाराज कृष्ण चंद्र गजपति, भक्तकवि मधुसूदन राव, पंडित नीलकंठ दास, व्यास कवि फकीर मोहन सेनापति, गंगाधर मेहेर एवं कवि राधानाथ राय प्रमुख की भूमिका अतुलनीय रही।