जिला मुख्यालय चाईबासा में नो-एंट्री व्यवस्था को लेकर उपजे विवाद ने बड़ा रूप ले लिया है। सोमवार को हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर पथराव मामले में प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए 16 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। गिरफ्तार लोगों में 6 महिलाएं और 10 पुरुष शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, 27 अक्टूबर 2025 को बड़ी संख्या में लोग परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा के आवास का घेराव करने पहुंचे थे। इस दौरान भीड़ और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया और हालात बेकाबू हो गए। पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, जिससे स्थिति बिगड़ गई। मामले में चाईबासा सदर अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो के लिखित बयान पर मुफस्सिल थाने में 74 नामजद और लगभग 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। प्रदर्शनकारी लगातार शहर में लागू की गई नो-एंट्री व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस व्यवस्था से आम लोगों को काफी असुविधा हो रही है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक, उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में पहले से कहीं ज्यादा समय लग रहा है। आंदोलनकारी प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि यह व्यवस्था तुरंत खत्म की जाए और जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें बिना शर्त रिहा किया जाए।
इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त चंदन कुमार से मुलाकात की है। बैठक के दौरान काफी बहस और नोकझोंक हुई। प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट कहा कि यदि 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार सभी लोगों को बिना शर्त रिहा नहीं किया गया और नो-एंट्री व्यवस्था को वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
जिला पुलिस और प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने गिरफ्तार लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है और आगे भी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। फिलहाल प्रशासन की नजर 24 घंटे की इस मोहलत पर टिकी है, क्योंकि इसके बाद हालात और गरमा सकता है। चाईबासा में नो-एंट्री को लेकर जारी यह टकराव अब कानून-व्यवस्था की चुनौती बन गया है। अब देखना होगा कि प्रशासन आंदोलनकारियों की मांग मानता है या सख्ती के साथ आगे बढ़ता है।