पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में अरण्य भवन स्थित कार्यालय कक्ष में बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद से संबंधित विषयों पर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जैव विविधता प्रबंधन समितियों (BMC) की अद्यतन स्थिति, विरासत वृक्षों और स्थलों की पहचान, शोध-अध्ययन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर चर्चा की गई। पहले चरण में 4 जिलों (मुंगेर, भागलपुर, जमुई, बक्सर) में 8 प्रजातियों के 40 विशेष वृक्षों को "जैव विविधता विरासत वृक्ष" घोषित करने की तैयारी है। इनमें पीपल, पाकड़, बरगद, नीम, कनकचंपा, इमली, सेमल, और महुआ शामिल हैं। "जैव विविधता विरासत वृक्ष" की घोषणा पुस्तिका दिसंबर 2024 में प्रकाशित की जाएगी।
मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि जैव विविधता संरक्षण के लिए विभाग समर्पित है और सभी स्तरों पर समितियों की भूमिका को सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने विभागीय कार्यक्रमों में बीएमसी सदस्यों को शामिल करने और प्रशिक्षण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए।
जैव विविधता विरासत वृक्षों और स्थलों के संरक्षण के साथ राज्य में जैव विविधता जागरूकता बढ़ाने और अनुसंधान को प्राथमिकता दी जाएगी। पर्यावरण संरक्षण को लेकर विभाग की यह पहल बिहार को एक नई पहचान दिलाने में मदद करेगी।