मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गुरुवार को भुवनेश्वर के डुमडुमा और कल्पना चौक में बहुउद्देश्यीय ‘श्रम प्रतीक्षा केंद्रों’ का उद्घाटन किया, जिसमें श्रमिकों के लिए अस्थायी आश्रय सुविधाएं, पेयजल, शौचालय और पार्क उपलब्ध कराए गए हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य श्रमिकों की गरिमा को बढ़ाना है और इन्हें कटक, राउरकेला, संबलपुर, केंदुझर और ब्रम्हपुर जैसे अन्य शहरी क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने विभिन्न ट्रेड यूनियनों के श्रमिकों को बढ़ावा दिया और निर्माण श्रमिक कल्याण योजना के तहत शिक्षा, विवाह, मातृत्व, मृत्यु और अंतिम संस्कार सहायता सहित सहायता वितरित की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का श्रम और कर्मचारी राज्य बीमा विभाग विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के कानूनी अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में लगन से काम कर रहा है।
उन्होंने बताया कि निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत दी जाने वाली मृत्यु सहायता को सामान्य मृत्यु के मामले में 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये और दुर्घटना में मृत्यु के मामले में 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना के तहत लगभग 47 लाख निर्माण श्रमिकों को पंजीकृत किया गया है और विभिन्न सहायता के लिए 3,951 करोड़ रुपये से अधिक प्रदान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड की विभिन्न सेवाओं को श्रमिकों की उंगलियों पर लाने के लिए ‘ओडिशा श्रमिक साथी’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया। ऐप श्रमिकों को ऑनलाइन पंजीकरण, नवीनीकरण और सहायता के लिए आवेदन जैसी सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम करेगा।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार गरीब माता-पिता की पीड़ा को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा लड़कियों की शादी के लिए सहायता प्रदान करने के लिए ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’ शुरू करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार श्रमिक भाई-बहनों की समस्याओं के समाधान के लिए उचित कदम उठाएगी।
इस अवसर पर श्रम एवं कर्मचारी राज्य बीमा मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने कहा कि श्रमिक देश के विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं तथा उनकी मेहनत ही राज्य की प्रगति का आधार है।