बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रफुल्ल कुमार मल्लिक ने एक बयान जारी कर पार्टी के मौजूदा कामकाज पर गहरा असंतोष व्यक्त किया है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो वह पार्टी से दूरी बना सकते हैं।
लंबी चुप्पी के बाद मीडिया से बात करते हुए मल्लिक ने पुष्टि की है कि अभी भी वह बीजद के सदस्य हैं, लेकिन उन्होंने किसी भी संगठनात्मक गतिविधि में भाग लेने से परहेज किया है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी आगे भी ठीक से काम नहीं करती है, तो मैं इससे अलग हो जाऊंगा।"
मल्लिक ने राष्ट्रीय स्तर पर एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाने में विफल रहने के लिए बीजद की आलोचना की और उस पर अपनी मूल विचारधारा से भटकने का आरोप लगाया। उन्होंने अफसोस जताया कि पार्टी अब अपने मूल मूल्यों को प्रतिबिंबित नहीं करती और तेजी से केंद्रीकृत होती जा रही है।
वरिष्ठ नेता ने खुलासा किया कि उन्होंने पार्टी के ढांचे को मज़बूत करने के लिए कई सुझाव दिए थे, जिनमें एक राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) और एक अनुशासन समिति का गठन भी शामिल है। हालांकि इन दो प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया गया, लेकिन अन्य प्रमुख सिफारिशों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि किसी ने मुझसे सलाह नहीं ली, न ही मैं नेतृत्व के किसी व्यक्ति से मिला हूं।
मल्लिक ने बीजद में एक नया गुट बनाने के विचार को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के कदम के लिए अभी सही समय नहीं है। इसके बजाय, उन्होंने मूल बीजद को पुनर्जीवित करने और उसका उचित प्रबंधन करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पार्टी पहले से ही आंतरिक असंतोष, दलबदल और केंद्रीकृत निर्णय लेने की आलोचना से जूझ रही है। मल्लिक की यह चेतावनी पार्टी के भीतर सुधार और विकेंद्रीकरण की मांग करने वाले वरिष्ठ नेताओं की बढ़ती आवाज़ को और बल देती है।