सुवर्णपुर जिले के तरवा तहसील में पूर्व अमीन रहे साहू मेहर को रिश्वत मामले में दोषी ठहराते हुए बलांगीर के विशेष सतर्कता (विजिलेंस) न्यायाधीश ने चार साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।
मेहर को एक भूमि स्वामी की जमीन के प्लॉटों की सीमांकन (डिमार्केशन) के बदले रिश्वत मांगने और लेने का दोषी पाया गया।
ओडिशा विजिलेंस ने मेहर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था। दोषसिद्धि के बाद मेहर को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया गया।
दोषसिद्धि के चलते ओडिशा विजिलेंस अब मेहर की पेंशन रोकने की प्रक्रिया भी शुरू करेगा।