मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गोकुलानंद मल्लिक ने गुरुवार को कहा कि ओडिशा को जल्द ही मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विश्वविद्यालय मिलेगा। मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विश्वविद्यालय के लिए काम पहले ही शुरू हो चुका है। मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास विभाग ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को पहले ही पत्र भेज दिया है।
उन्होंने कहा कि ओडिशा का लक्ष्य पांच वर्षों में मीठे पानी की मछली या मीठे पानी की मछली का निर्यात शुरू करना है। गोकुलानंद मल्लिक ने कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य मीठे पानी की मछलियों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बने।
मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास मंत्री ने बताया कि संबलपुर में एक एक्वा पार्क की योजना बनाई गई है और इसे 100 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा।
मल्लिक ने कहा कि ओडिशा सरकार मीठे पानी की मछलियों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हमारा लक्ष्य पांच साल में मीठे पानी की मछली का निर्यात शुरू करना है। हम इस मामले में मछुआरों को प्रोत्साहित करेंगे। मलिक के अनुसार, ओडिशा में वर्तमान में 11.5 टन मीठे पानी की मछली का उत्पादन हो रहा है। ओडिशा के लोग प्रति व्यक्ति 18 किलो मछली खाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ओडिशा सरकार ने कई परियोजनाएं अपने हाथ में ली हैं।
उन्होंने कहा कि 2,300 करोड़ रुपये की लागत वाली एक परियोजना शुरू की गई है। हम राज्य भर में अधिक मछली बाजार और जेटी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। विश्व मत्स्य दिवस के अवसर पर गुरुवार को भुवनेश्वर में विभाग द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में गोकुलानंद मलिक ने ओडिशा के सफल मछली पालकों को सम्मानित किया।