ओडिशा के बालेश्वर जिले में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास हुए रेल हादसों में 288 यात्रियों की मौत और 1,100 से ज्यादा घायलों की जानकारी लेने के लिए परिजन दर-दर भटक रहे हैं। उन्हें अपने घर वापस ले जाने के लिए हर कोशिश कर रहें हैं। इसी दैरान कुछ बेईमान लोगों का एक वर्ग इस त्रासदी के बीच अपना फायदा उठाने की कोशिस कर रहा है।
हाल ही में, कटक जिले के मनियाबंध गांव की एक महिला ने दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के परिवारों को ओडिशा सरकार द्वारा प्रदान की गई 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का दावा करने के लिए कथित रूप से अपने पति को दुर्घटना में मृतक घोषित किया।
घटना ओडिशा के कटक जिले के मनियाबंध गांव की है। जब उनके पति बिजय दत्ता को अपनी पत्नी गीतांजलि दत्ता के इस काम के बारे में पता चला, तो उन्होंने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई। दूसरी ओर, गीतांजलि दत्ता गिरफ्तारी के डर से फरार बताई जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गीतांजलि और उनके पति बिजय पिछले 13 सालों से अलग रह रहे हैं। गीतांजलि समय-समय पर बिजय के खिलाफ उसे परेशान करने के लिए झूठी शिकायतें दर्ज कराती रहती है। बिजय को हाल ही में पता चला कि गीतांजलि ने बाहानगा बाजार ट्रेन दुर्घटना के परिजनों को राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई अनुग्रह राशि का दावा करने के लिए बालेश्वर गई थी। उसने कहा कि उसके पति बिजय की दुर्घटना में मृत्यु हो गई और उसने उचित मुआवजे मिलने चाहिए। हालांकि, अधिकारी आश्वस्त नहीं थे क्योंकि वह अपने दावे के समर्थन में कोई भी दस्तावेज पेश करने में विफल रहीं।
जब बिजय को अपनी पत्नी के इस कार्य के बारे में पता चला, तो उसने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
गीतांजलि इस मामले में अकेली जालसाज नहीं हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों में कई लोगों द्वारा मुआवजे के लिए झूठे दावे दायर करने की खबरें सामने आई हैं। जैसा कि मामला गंभीर चिंता का विषय है, ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने रेलवे अधिकारियों से मुआवजे के लिए झूठे दावे दर्ज करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है।