ओडिशा हाईकोर्ट ने जादू-टोना करने के संदेह में एक परिवार के तीन सदस्यों की हत्या के आरोप में कारावास की सजा काट रहे नौ दोषियों की मौत की सजा को कम कर दिया है।
अक्टूबर 2021 में, रायगड़ा जिला और सत्र न्यायालय ने देगुनु सबारा, दासंतु सबारा, दलासा सबारा, अजंता सबारा, पोदंतु सबारा, इरु सबारा, लाकिया सबारा, बुबुना सबारा और मलिकू सबारा, उनकी पत्नी अंबाई और उनकी बेटी असिना सबारा की हत्या का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। दोषियों ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए ओडिशा हाईकोर्ट में अपील की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, 9 सितंबर, 2016 को रायगडा जिले के पुतासिंह पुलिस सीमा अंतर्गत कितुम गांव में स्थित उनके घर से दोषियों ने असीना सबारा, अम्बाई सबारा और असिमानी सबारा को जबरन घसीटकर बाहर निकाला। बाद में, तीनों को एक गौशाला में ले जाकर बुरी तरह पीटा गया। परिणामस्वरूप असीना, अम्बाई और असिमानी बेहोश हो गईं। इसके बाद हमलावरों ने उनकी आंखों और गुप्तांगों में कीटनाशक डालकर उन्हें जिंदा दफना दिया। स्थानीय लोगों द्वारा इस भयावह घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने दोषियों को पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस कार्रवाई की आशंका नौ दोषियों ने तीनों शवों को कब्र से निकालकर जला दिया ताकि सबूत मिटाए जा सकें। अब दोषियों को आजीवन कारावास की सजा होगी।