देशभर के सौ से अधिक प्रमुख कवि, लेखक, उपन्यासकार, अनुवादक, चिंतक तथा रंगमंच और मीडिया जगत की हस्तियां शनिवार से यहां स्थित शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान (सोआ) डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी में आयोजित होने वाले दो-दिवसीय तीसरे सोआ साहित्य महोत्सव में शिरकत करेंगी।
‘संस्कृति, सृजनशीलता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ विषय पर आधारित यह महोत्सव शनिवार को ओडिशा के राज्यपाल डॉ. हरी बाबू कंभंपति द्वारा उद्घाटित किया जाएगा। इस अवसर पर प्रसिद्ध कवि, गीतकार, पटकथा लेखक और सामाजिक चिंतक पद्म भूषण जावेद अख्तर भी उपस्थित रहेंगे। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी रविवार को महोत्सव में शामिल होंगे।
इस वर्ष स्थापित किया गया सोआ साहित्य सम्मान उद्घाटन समारोह में जावेद अख्तर को भारतीय सिनेमा और साहित्य में उनके असाधारण और आजीवन योगदान के लिए प्रदान किया जाएगा।
यह सम्मान 7 लाख रुपये की नकद राशि, एक प्रशस्ति-पत्र, एक शॉल तथा मां सरस्वती की रजत प्रतिमा के साथ हर वर्ष किसी प्रतिष्ठित भारतीय साहित्यकार को प्रदान किया जाएगा।
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता सोआ के कुलपति प्रो. प्रदीप्त कुमार नंद करेंगे। इस अवसर पर साहित्य अकादमी के पूर्व सचिव डॉ. के श्रीनिवासराव और सोआ की उपाध्यक्ष सास्वती दास अतिथि-विशेष के रूप में उपस्थित रहेंगी।
सोआ सेंटर फॉर प्रिजर्वेशन, प्रोपेगेशन एंड रेस्टोरेशन ऑफ़ एंशिएंट कल्चर एंड हेरिटेज ऑफ़ इंडिया (PPRACHIN) की हेड डॉ. गायत्रीबाला पंडा मेहमानों और हिस्सा लेने वालों का स्वागत करेंगी। इसी वर्ष स्थापित किया गया सोआ युवा साहित्य पुरस्कार महोत्सव के दूसरे दिन युवा लेखक सूर्यस्नात त्रिपाठी को उनकी कहानी-संग्रह ‘थिया पुची नरंगा’ के लिए प्रदान किया जाएगा।
महोत्सव के सत्रों में शामिल होंगे—
‘प्रकाशन का भविष्य: प्रिंट, डिजिटल और उससे आगे’
‘मशीन बतौर प्रेरणा: कला, संगीत और साहित्य में एआई’
‘ओड़िया एक शास्त्रीय भाषा: परंपरा, पहचान और भविष्य’
‘कहानी कहने का भविष्य: परंपरा और परिवर्तन’
‘मातृभाषा या बाजार की भाषा? सच के लिए लेखन या चलन के लिए?’
‘मिथक, जादू और मशीन: एआई युग में परंपरा की पुनर्कल्पना’
‘सिनेमा और एआई: लाइट्स, कैमरा, एल्गोरिदम—फिल्म निर्माण का भविष्य’
‘एआई टूल युग में अनुवाद’
‘मशीनों की नैतिकता: एआई सृजन में नैतिकता, कानून और उत्तरदायित्व’
‘समय के संवाद: ताड़पत्रों से लेकर इंस्टाग्राम पोस्ट तक’
‘जनजातीय संस्कृति: वह धरोहर जिसे हमें संरक्षित रखना है’।