ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने लोक सेवा भवन में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक की है। बैठक में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति और पुलिस विभाग में विभिन्न समस्याओं के समाधान पर चर्चा की गई।
ओडिशा पुलिस के सामने तीन प्रमुख चुनौतियों, सड़क दुर्घटनाओं को कम करना, साइबर अपराध और गांजा की खेती को रोकना, पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में हुई चर्चा से पता चला कि राज्य में वर्तमान में 2,198 यातायात पुलिस अधिकारी कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली यातायात व्यवस्था के लिए इस वर्ष 2,000 नए पद सृजित करने और इन पदों को पूरी पारदर्शिता के साथ भरने का निर्देश दिया।
इसी तरह, वर्ष 2024 में राज्य में 2,633 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं। वर्तमान में साइबर अपराध को नियंत्रित करने के लिए राज्य में 14 पुलिस स्टेशन कार्यरत हैं। साइबर धोखाधड़ी के कारण आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिलों में साइबर पुलिस थानों को क्रियाशील बनाने के लिए 20 नए साइबर पुलिस थाने खोलने का निर्देश दिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पहले से क्रियाशील थानों को और मजबूत करने पर जोर दिया।
, इसी तरह मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गांजे की खेती और तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने पुलिस आयुक्त को भुवनेश्वर और कटक में अपराध नियंत्रण व्यवस्था को मजबूत करने के लिए शहरों में रात्रि गश्त और जांच व्यवस्था को सख्त करने का निर्देश दिया और राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों में इस व्यवस्था को लागू करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को माओवाद प्रभावित जिलों में सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने डीजी और आईजी सम्मेलन, पुरी में नौसेना दिवस और भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों और कार्यक्रमों में राज्य पुलिस के सफल सहयोग की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में पुलिस विभाग में विभिन्न रिक्त पदों को भरकर विभाग को और मजबूत किया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव मनोज आहूजा, पुलिस महानिदेशक वाईबी खुरानिया, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सत्यव्रत साहू, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव निकुंज बिहारी धल और राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।