कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कांग्रेस पार्टी पर ओडिशा विधानसभा को ठप करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इससे राज्य की पवित्र नीति निर्धारण संस्था अराजकता में फंस गई है। बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हरिचंदन ने आरोप लगाया कि पार्टी, अपने दिल्ली नेतृत्व के निर्देशों के तहत काम करते हुए, 27 मार्च तक विधानसभा के कामकाज को रोकने का प्रयास कर रही है। ओडिशा के विकास को खतरे में डालकर वह अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बचाने की कोशिश कर रही है।
राज्य के भविष्य को आकार देने के लिए पवित्र भूमि माने जाने वाली विधानसभा सात मार्च से ही नाटकीयता में फंसी हुई है। यह अभूतपूर्व व परंपराओं के विपरीत है।
हरिचंदन ने आरोप लगाया कि वे सदन को चलने नहीं देने के दिल्ली से मिले आदेशों का पालन कर रहे हैं। ओडिशा के हितों को कमज़ोर करने के लिए भगवान उन्हें कभी माफ़ नहीं करेंगे। अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए हताश कांग्रेस ने कल राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। कांग्रेस का यह प्रयास एक डूबती नाव को बचाने जैसा है।
उन्होंने पार्टी पर विधानसभा के भीतर "गुंडा राज" को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जिसमें अपमानजनक भाषा, लंबे समय तक घंटी बजाना और पूरी तरह से अव्यवस्था के उदाहरण शामिल हैं। हरिचंदन ने कहा कि यह अलोकतांत्रिक और गंभीर अपराध है। कांग्रेस ने अतीत में भी यही हरकतें की है। कांग्रेस के राज में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और ऐतिहासिक घोटाले हुए हैं।
किया है। भी ऐसा ही करती आई है उन्होंने ऐसी हरकतों को कांग्रेस की जनता द्वारा अतीत में की गई अस्वीकृति से जोड़ा। उन्होंने पार्टी के विवादास्पद रिकॉर्ड को रेखांकित करने के लिए अंजलि मिश्रा मामले, छबीरानी बलात्कार और हत्या मामले और कांग्रेस शासन के दौरान महिलाओं के खिलाफ अत्याचार सहित ऐतिहासिक घोटालों का भी हवाला दिया।
हरिचंदन ने सदन समिति की कांग्रेस की मांग को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा के नियम ऐसे निकायों को केवल विशिष्ट घटनाओं के लिए अनुमति देते हैं। अस्पष्ट शिकायतों के लिए नहीं।
उन्होंने जोर देकर कहा, "वे तर्कहीन मांगों के साथ सदन को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष ने बातचीत से परहेज किया है जबकि सरकार बातचीत के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री जवाब देने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा, "वे अंदर अराजकता पैदा करते हुए बाहर जवाब नहीं मांग सकते - इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कानून मंत्री ने बीजू जनता दल (बीजेडी) की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि वह कांग्रेस के पीछे अपनी खुद के शासन की विफलताओं को छिपा रही है।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कानून- व्यवस्था की उनकी बातें लंका में 'हरि' का जाप करने जैसी हैं। हरिचंदन ने दुख जताते हुए कहा कि विधानसभा चलाने में प्रतिदिन 70 लाख रुपये खर्च होते हैं - और सुरक्षा सहित 1 करोड़ तक - चल रहे व्यवधानों से सार्वजनिक धन की बर्बादी हो रही है।
उन्होंने विपक्ष से मतभेदों को दूर करने और ओडिशा की प्रगति के लिए रोडमैप पर सहयोग करने का आग्रह किया।